इस बार शनि जयंती शुभ योगों में 22 मई, शुक्रवार को मनाई जाएगी। इस समय शनिदेव स्वयं की राशि मकर में गुरु के साथ स्थित हैं।
इस बार 22 मई, शुक्रवार को शनि जयंती है। इस दिन शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व है।
ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 22 मई, शुक्रवार को है। इस दिन भगवान शनिदेव की पूजा विशेष रूप से की जाती है।
व्यक्ति के जन्म के समय कुंडली में ग्रहों की शुभ-अशुभ जैसी भी स्थिति होती है, ठीक वैसा ही असर जीवनभर बना रहता है। नौ ग्रहों में शनि का स्थान काफी खास रहता है।
11 मई, सोमवार से शनि ग्रह मकर राशि में वक्री हो चुका है। शनि के वक्री होने से कुछ लोगों के लिए परेशानियां बढ़ सकती हैं।
11 मई, सोमवार से शनि अपनी ही राशि मकर में वक्री हो जाएगा यानी टेढ़ी चाल से चलने लगेगा।
मई 2020 में कई ग्रहों की स्थितियां बदलने वाली है। इस माह में गुरु और शनि वक्री होंगे। मंगल राशि बदलेगा।
रेखाएं सिर्फ मनुष्य के हाथों पर ही नहीं बल्कि मस्तक यानी माथे पर भी होती हैं। माथे की ये रेखाएं विभिन्न ग्रहों से प्रभावित होती हैं।
29 मार्च को गुरु ग्रह धनु राशि से निकलकर मकर में प्रवेश करेगा। इस राशि में पहले से ही शनि और मंगल स्थित है।
शनि ग्रह के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद अब डिग्री में बदलाव होने के साथ देश के लिए शुभ और अशुभ दोनों तरह के संकेत दिखाई देने लगेंगे।