उज्जैन। इस बार 21 मार्च, शनिवार को शनि प्रदोष का योग बन रहा है। इस दिन शनिदेव की पूजा का विशेष फल मिलता है। शनि के अशुभ असर से बचने के लिए शनि के दस नाम वाले मंत्र का जाप करना चाहिए। ये मंत्र जाप शनि प्रदोष पर करने से शुभ फल मिल सकते हैं। ये है शनि के दस नामों का मंत्र-
कई बार घर की दीवारों पर कुछ अनचाहे पेड़-पौधे उग जाते हैं। इनसे घर की खुबसूरती पर भी असर पड़ता है, साथ ही ये पेड़- पौधे दीवारों को भी कमजोर करते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने में दो बार त्रयोदशी तिथि आती है। इस तिथि पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। इस बार 7 मार्च, शनिवार को शनि प्रदोष का योग बन रहा है।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने में दो बार त्रयोदशी तिथि आती है। इस तिथि पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है।
इस बार 9 मार्च, सोमवार को फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन होगा और 10 मार्च, मंगलवार को होली खेली जाएगी।
मार्च 2020 में सूर्य, चंद्रमा मंगल, गुरु और शुक्र ग्रह राशि बदलेंगे। बुध कुंभ राशि में वक्रीय होगा। शनि, राहु और केतु अपनी राशि में स्थिर रहेंगे। इन ग्रहों के राशि बदलने से सभी लोगों पर इसका शुभ-अशुभ असर देखने को मिलेगा।
इस बार 8 फरवरी को शनिवार और पुष्य नक्षत्र होने से शनि-पुष्य का शुभ योग बन रहा है। पुष्य को नक्षत्रों का राजा कहा जाता है।
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ने लिंग रूप में अवतार लिया था। इस बार ये पर्व 21 फरवरी, शुक्रवार को है।
1 जनवरी को शनि, सूर्य के पास 15 डिग्री पर आने से अस्त हो गया था, जिससे 12 राशियों पर शनि का पूरा प्रभाव नहीं पड़ रहा था।
मनुष्य को उसके बुरे कर्मों का फल शनिदेव ही प्रदान करते हैं। जिनकी कुंडली में शनि अशुभ स्थान पर होता है, वे अपने जीवन में कभी सफल नहीं हो पाते।