पितरों की संतुष्टि के लिए पितृ पक्ष के अलावा साल के अन्य दिनों में भी श्राद्ध किया जा सकता है। इस बारे में महाभारत और नारद पुराण में बताए गए दिनों की गिनती करें तो कुछ 96 दिन ऐसे होते हैं जिनमें श्राद्ध किया जा सकता है।
जब परिवार में किसी की मृत्यु हो जाती है तो ब्राह्मण द्वारा गरुड़ पुराण का पाठ करवाने की परंपरा है। मृत्यु के बाद आत्मा यमलोक तक किस प्रकार जाती है और पिंड दान का क्या महत्व है, इसका विस्तृत वर्णन भी गरुड़ पुराण में किया गया है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, भाद्रपद मास की पूर्णिमा से आश्विन मास की अमावस्या तक श्राद्ध पक्ष होता है। इस बार श्राद्ध पक्ष 2 सितंबर से शुरू हो रहा है, जो 17 सितंबर तक रहेगा।
हमारे धर्म शास्त्रों में श्राद्ध पक्ष में कुछ कामों के लिए मनाही है, वहीं कुछ बातें जरूरी बताई गई हैं
जिस व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष होता है, उसके लिए श्राद्ध पक्ष का समय विशेष होता है
ग्रह-नक्षत्रों के विशेष संयोग से इस साल पितृ पक्ष बहुत शुभ रहने वाला है।
कालसर्प दोष जिस व्यक्ति की कुंडली में होता है, उसे अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद किए जाने वाले संस्कार उसका पुत्र ही करता है।
Aaj Ka Panchang: 10 सितंबर, शुक्रवार को पहले शतभिषा नक्षत्र होने से आनंद नाम का शुभ योग और बाद में पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से कालदंड नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। इसके अलावा धृति और शूल नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे।
Shraddh Paksha 2022: इन दिनों श्राद्ध पक्ष चल रहा है जो 25 सितंबर तक रहेगा। माना जाता है पितृ पक्ष के दौरान किसी परिवार में बच्चों का जन्म हो तो उस पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है। और भी कई मान्यताएं ऐसे बच्चों से जुड़ी होती हैं।