Shraddha Paksha 2022: भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से आश्विन मास की अमावस्या तक का समय श्राद्ध पक्ष कहलाता है। इन 16 दिनों में पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान आदि कार्य किए जाते हैं।
Aaj Ka Panchang: 10 सितंबर, शुक्रवार को पहले शतभिषा नक्षत्र होने से आनंद नाम का शुभ योग और बाद में पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से कालदंड नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। इसके अलावा धृति और शूल नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे।
Shraddh Paksha 2022: श्राद्ध पक्ष की द्वादशी तिथि को संन्यासी श्राद्ध करने की परंपरा है यानी यदि किसी पूर्वज ने संन्यास लिया हो और उसकी मृत्यु तिथि पता न हो तो उसका श्राद्ध पितृ पक्ष की द्वादशी तिथि पर करना चाहिए।
Aaj Ka Panchang: 26 अगस्त को भाद्रमास मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी और अमावस्या तिथि का संयोग बन रहा है। इस दिन श्राद्ध अमावस्या रहेगी। शुक्रवार को पहले आश्लेषा नक्षत्र होने से मृत्यु और उसके बाद मघा नक्षत्र होने से काण नाम के 2 अशुभ योग बनेंगे।
Aaj Ka Panchang: 24 सितंबर, शनिवार को पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से लुंबक नाम का अशुभ योग इस दिन बनेगा। इसके अलावा इस दिन साध्य और शुभ नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल सुबह 09:19 से 10:49 तक रहेगा।
Matru Navami Shradh 2022: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मातृ नवमी श्राद्ध किया जाता है। इस बार ये तिथि 19 सितंबर, सोमवार को है। इस दिन मुख्य रूप से सुहागिन अवस्था में मृत हुई महिलाओं का श्राद्ध किया जाता है।
Shraddh Paksha 2022: हिंदू धर्म में श्राद्ध का विशेष महत्व बताया गया है। श्राद्ध से जुड़े कई नियम में धर्म ग्रंथों में बताए गए हैं। श्राद्ध करते समय इन बातों का सभी लोग ध्यान रखते हैं। इस बार श्राद्ध पक्ष 25 सितंबर तक रहेंगे।
Shraddh Paksha 2022: श्राद्ध पक्ष में 16 दिनों तक रोज पितृों के निमित्त पिंडदान, तर्पण और दान आदि किया जाता है। इस बारे में ब्रह्म पुराण के साथ ही महर्षि पराशर कहते हैं कि पितरों के उद्देश्य से जो ब्राह्मणों को दिया जाए वही श्राद्ध है।
Shraddh Paksha 2022: इन दिनों श्राद्ध पक्ष चल रहा है जो 25 सितंबर तक रहेगा। माना जाता है पितृ पक्ष के दौरान किसी परिवार में बच्चों का जन्म हो तो उस पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है। और भी कई मान्यताएं ऐसे बच्चों से जुड़ी होती हैं।
Shraddha Paksha 2022: ऐसा कहा जाता है पितरों को श्राद्ध पक्ष का इंतजार रहता है ताकि वे अपने वंशजों के पास जाकर उन्हें आशीर्वाद दे सकें। इस बार श्राद्ध पक्ष का आरंभ 10 सितंबर से हो चुका है जो 25 सितंबर तक रहेगा।