धर्म ग्रंथों के अनुसार, रोज भगवान सूर्यदेव की पूजा करनी चाहिए। मल मास में सूर्यदेव की पूजा और उनसे जुड़े उपाय करने का और भी विशेष महत्व है।
हिंदू धर्म में रोज सुबह सूर्यदेव को अर्घ्य देने और उनकी पूजा करने का विधान है। भविष्य पुराण में सूर्यदेव को प्रसन्न करने के अनेक उपाय बताए गए हैं।
हिंदू धर्म में सूर्यदेव को प्रत्यक्ष देवता कहा जाता है यानी वो देवता जिन्हें हम अपनी आंखों से देख सकते हैं। इसलिए किसी भी शुभ कार्य से पहले पंचदेवों में सूर्यदेव की भी पूजा की जाती है।
आज (15 जनवरी, बुधवार) मकर संक्रांति है। इस पर्व पर सुबह सूर्यदेव को अर्घ्य देकर स्नान, दान का विशेष महत्व है।
इस बार 14 जनवरी की रात को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। इसके अगले दिन यानी 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पुण्यकाल मान जाएगा। इसी दिन संक्रांति के स्नान और दान का महत्व रहेगा।
इस बार पौष मास की शुरूआत 13 दिसंबर से होगी, जो 10 जनवरी तक रहेगा। ये हिंदू पंचांग का दसवा महीना है। इस महीने से जुड़ी अनेक परंपराएं और मान्यताएं धर्म ग्रंथों में बताई गई हैं।
अभी अगहन मास चल रहा है, जो 12 दिसंबर तक रहेगा। इस माह में सूर्य पूजा का विशेष महत्व है। रोज सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाना चाहिए और स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए।
धर्म ग्रंथों में सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना गया है। सूर्य की रोशनी से ही जीवन संभव है इसलिए पंचदेवों में इनकी पूजा भी अनिवार्य रूप से की जाती है। प्रतिदिन सूर्य को अर्घ्य देना हिंदू धर्म की परंपरा में शामिल है।
इस बार 2 नवंबर, शनिवार को छठ व्रत है। इस दिन मुख्य रूप से सूयदेव की पूजा की जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, सूर्यदेव प्रत्यक्ष दिखाई देने वाले देवता हैं। इसीलिए इनकी पूजा से बहुत जल्दी शुभ फल मिल सकते हैं।
इस बार 2 नवंबर, शनिवार को छठ पूजा है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान सूर्य की पूजा की जाती है।