इंटर रिलीजन मैरिज को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की। एक मुस्लिम व्यक्ति के खिलाफ उसकी पत्नी के माता-पिता द्वारा दायर याचिका को कोर्ट ने रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा, किसी भी व्यक्ति को अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने का अधिकार है। कानून दो बालिग व्यक्तियों को एक साथ रहने की इजाजत देता है, चाहे वे समान या विपरीत सेक्स के ही क्यों न हों।