दो साल पूरे होने पर हेमंत सोरेन अपनी सरकार का लेखा-जोखा जनता के सामने रखेंगे कि चुनावी घोषणाओं में उन्होंने जो वायदे किए थे, उसमें कितना काम आगे बढ़ा और कितना अभी अटका पड़ा है।