झारखंड में जारी सियासी हलचल के बीच सोमवार को विधानसभा का एकदिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया। सदन में हेमंत सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया है। उनके समर्थन में 48 वोट पड़े हैं। विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वॉक आउट किया।
झारखंड में मची राजनीतिक हलचल के बीच सोमवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। जहां राज्य की हेमंत सोरोन सरकार विश्वास मत हासिल करेगी। रायपुर से मेफेयर रिसॉर्ट से लौटे महागठबंधन के सभी विधायकों को सोमवार सुबह खुद सीएम हेमंत सोरोन बस में लेकर विधानसभा पहुंचे।
झारखंड में राजनीतिक उठा-पटक के बीच 5 सितंबर को विधानसभा का एकदिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है। इस सत्र में हेमंत सोरेन विश्वास मत हासिल कर सकते हैं। वहीं, राज्यपाल रमेश बैस ने अभी तक चुनाव आयोग को अपना लेटर नहीं भेजा है।
झारखंड में राजनीतिक उठा पटक के बीच महागठबंधन के प्रतिनिधि मंडल ने गुरुवार 1 सितंबर के दिन राज्यपाल रमेश बैस से शाम 4 बजे मुलाकात की।करीब आधे घंटे तक हुई बात। इसके बाद उन्होंने विधानसभा सदस्यता पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।
झारखंड में सियासी बवाल अभी भी जारी है। वहीं गुरुवार के दिन प्रदेश सुप्रीमो हेमंत सोरेन कैबिनेट मीटिंग करने वाले है। इसके साथ ही कयास लगाए जा रहे है कि वे भी दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तर्ज पर राज्य में विश्वास प्रस्ताव ला सकते है।
झारखंड में सियासी उठा पटक अभी भी जारी है महागठबंधन के दो और विधायक रायपुर पहुंचे है,वहीं सीएम द्वारा गुरुवार 1 सितंबर के दिन कैबिनेट मीटिंग बुलाई गई है। इसमें शामिल होने के लिए रायपुर रिसॉर्ट से रांची पहुंच चुके है।
झारखंड के चतरा में एसिड अटैक पीड़िता के मामले का पता लगने के बाद प्रदेश सीएम हेमंत सोरेन ने फैसला लेते हुए पीड़िता को दिल्ली भेजने का फैसला लिया है। इसके लिए उसे एयर एंबुलेंस की मदद से 31 अगस्त के दिन शिफ्ट किया जाएगा।
झारखंड की राजनीति में इन दिनों संकट बढ़ता जा रहा है। माइनिंग लीज केस के मामले में राज्यपाल रमेश बैस कभी भी सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता के संबंध में फैसला सुना सकते हैं। महागठबंधन के विधायकों को रायपुर भेजा गया है।
बाबूलाल मरांडी पर झाविमो (झारखंड विकास मोर्चा) के सिंबल पर विधानसभा चुनाव 2019 में निर्वाचित होने के बाद भाजपा में शामिल हो गए। इसे दल-बदल बताया गया था जबकि उन्होंने कहा था कि मैंने अपनी पार्टी का विलय कर दिया है।
झारखंड के दुमका जिले की बेटी अंकिता की मौत को लेकर राज्य में जबरदस्त सरकार का विरोध हो रहा है। अब दो दिन बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरोना का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा-ऐसी घटनाओं की समाज में कोई जगह नहीं है। आरोपी को माफ नहीं किया जाएगा।