मीनिंग लीज मामले में सीएम हेमंत सोरेन के साथ उनके छोटे भाई बसंत सोरेन की विधायकी पर भी फैसला आना है। माना जा रहा है कि सोमवार को राज्यपाल का फैसला आ जाएगा। इसके बाद चुनाव आयोग नोटिफिकेशन जारी करेगा।
झारखंड में सियासी संकट के बीच सस्पेंस बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधायकी से अयोग्य करने संबंधित नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। झारखंड में राजनीतिक हलचल के बीच जेएमएम और महागठबंधन के सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ भेज सकते हैं।
लीज माइनिंग के मामले में सीएम हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राज्यपाल ने अपना फैसला चुनाव आयोग को भेज दिया है। चुनाव आयोग के द्वारा नोटिफिकेशन जारी होने के बाद हेमंत सोरेन अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं।
लीज माइनिंग केस में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता जानी तय है। सीएम हेमंत सोरेन के आवास पर सत्ता पक्ष के तमाम विधायक लगेज, बैग और खाने-पीने के सामान के साथ पहुंचे थे। सूत्रों के अनुसार, विधायकों को छत्तीसगढ़ भेजा गया है।
राज्यपाल ने लाभ के पद के मामले में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता को अयोग्य घोषित कर दिया है। हेमंत सोरेन ने महागठबंधन के विधायकों की मीटिंग बुलाई है। सूत्रों के अनुसार, बैठक में बड़ा फैसला हो सकता है।
हेमंत सोरेन पर पद के दुरुपयोग का आरोप है। दरअसल, राज्य के पूर्व सीएम रघुवर दास ने इस फरवरी 2022 में दावा किया कि हेमंत ने रांची के अनगड़ा में अपने नाम से पत्थर खदान की लीज ली है और उन्होंने इलेक्शन कमीशन को यह जानकारी छुपाई थी।
झारखंड में राजनीतिक उथल पुथल के बीच खबर सामने आ रही है कि प्रदेश राज्यपाल रमेश बैस ने अपना फैंसला चुनाव आयोग को सौंप दिया है। बता दे कि निर्वाचन आयोग द्वारा वह जवाब विधानसभा स्पीकर रवींद्र महतो को भेजा जाएगा।
सीएम के अलावा उनके भाई बसंत सोरेन की विधायकी पर भी खतरा मंडरा रहा है। शुक्रवार को झारखंड की राजनीति में बड़ा उथल-पुथल हो सकता है। चुनाव आयोग ने राज्यपाल को सीएम हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले की रिपोर्ट राजभवन भेज दी है।
बीजेपी भी नजर कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के असंतुष्ट विधायकों पर है। दोनों पार्टी के करीब 13 विधायक नाराज बताए जा रहे हैं। हेमंत सोरेन की विधायकी को लेकर राज्यपाल रमेश बैस शुक्रवार को बड़ा फैसला ले सकते हैं।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है। दरअसल चुनाव आयोग ने सीएम की विधानसभा सदस्यता को लेकर राज्ययपाल को पत्र दिया है। सीएम पर खनन पट्टा हासिल करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगा है।