सार
आचार्य चाणक्य को न केवल किताबी विषयों का बल्कि जीवन की अच्छी और बुरी दोनों तरह की परिस्थितियों का अनुभव था। वे एक श्रेष्ठ विद्वान और महान विभूति थे। इसी के साथ वे एक योग्य शिक्षक भी थे।
उज्जैन. आचार्य चाणक्य द्वारा लिखे गए नीति शास्त्र की बातें आज भी बहुत लोकप्रिय हैं। आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसी गुणों के बारे में बताया है, जो अगर किसी के घर में हो तो वहां किसी प्रकार का अभाव नहीं होता है। ऐसे घरों में सदैव मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। आगे जानिए इस चाणक्य नीति के बारे में…
जहां होता है ज्ञानियों का सम्मान
जिन घरों में ज्ञानियों का सम्मान किया जाता है वहां मां लक्ष्मी स्वयं पधारती हैं। ज्ञानी व्यक्ति आपको सही राह पर चलने को प्रेरित करते हैं तो वहीं मूर्खों के कारण आप समस्याओं से घिर सकते हैं, इसलिए कहा गया है कि मूर्खों की हां में हां मिलाने या फिर उनकी प्रशंसा से प्रसन्न होने के बजाय ज्ञानी व्यक्ति की डांट सुनना आपके लिए लाभप्रद रहता है। मनुष्य को सदैव ज्ञानी लोगों की संगति करनी चाहिए और उनका भलिभांति सम्मान करना चाहिए।
अन्न का सम्मान
जिन घरों में अन्न का भंडारण उचित रूप से किया जाता है और सदैव अन्न का सम्मान किया जाता है वहां कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं होती हैं। ऐसे घरों के भंडार सदैव भरे रहते हैं और ऐसे घरों में मां लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार अन्न को ब्रह्मा का रुप माना गया है इसलिए कभी भी अन्न का अत्यधिक उपभोग नहीं करना चाहिए।
पति-पत्नी के बीच समर्पण भाव
जिस घर में पति-पत्नी प्रेम पूर्वक रहते हैं और एक दूसरें का सम्मान करते हैं। जिन घरों में सदैव शांति का वातावरण रहता है, मां लक्ष्मा वहां स्वयं पधारती हैं। इसके उलट जिन घरों में एक दूसरे का सम्मान नहीं किया जाता है, पति-पत्नी बात-बात पर झगड़ते रहते हैं वहां दरिद्रता का वास होता है, इसलिए घर में सदैव शांति का वातावरण रखना चाहिए।
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