सार

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माघ मेला शुरू हो चुका है, जो 9 फरवरी, रविवार तक रहेगा। इस दौरान यहां स्नान के लिए देश भर से श्रृद्धालु आएंगे, साथ ही 13 अखाड़ों के लाखों साधु-संत भी इकट्ठा होंगे। यहां नागा साधु लोगों के आकर्षण का केंद्र हैं।

उज्जैन. नागा साधुओं से जुड़ी ऐसी बहुत-सी बातें हैं, जिसे आम लोग नहीं जानते। आज हम आपको नागा साधुओं से जुड़ी कुछ ऐसी ही बातें बता रहे हैं, जो इस प्रकार है...

अजब-गजब होता है नागाओं का श्रृंगार
श्रृंगार सिर्फ महिलाओं को ही प्रिय नहीं होता, नागाओं को भी सजना-संवरना अच्छा लगता है। फर्क इतना है कि नागाओं की सिंगार सामग्री, महिलाओं के सौंदर्य प्रसाधनों से बिलकुल अलग होती है। उन्हें भी अपने लुक और अपनी स्टाइल की उतनी ही फिक्र होती है जितनी आम आदमी को। नागा साधु प्रेमानंद गिरि के मुताबिक जानिए नागा किन चीजों से श्रृंगार करना पसंद करते हैं...

1. भस्म
नागा साधुओं को सबसे ज्यादा प्रिय होती है भस्म। भगवान शिव के औघड़ रुप में भस्म रमाना सभी जानते हैं। ऐसे ही शैव संप्रदाय के साधु भी अपने आराध्य की प्रिय भस्म को अपने शरीर पर लगाते हैं।

2. फूल
कईं नागा साधु नियमित रूप से फूलों की मालाएं धारण करते हैं। इसमें गेंदे के फूल सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं। इसके पीछे कारण है गेंदे के फूलों का अधिक समय तक ताजे बना रहना।

3. तिलक
नागा साधु सबसे ज्यादा ध्यान अपने तिलक पर देते हैं। यह पहचान और शक्ति दोनों का प्रतीक है। नागा कभी अपने तिलक की शैली बदलते नहीं है।

4. रुद्राक्ष
भस्म ही की तरह नागाओं को रुद्राक्ष भी बहुत प्रिय हैं। कहा जाता है रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुए हैं। यह साक्षात भगवान शिव के प्रतीक हैं। इस कारण लगभग सभी शैव साधु रुद्राक्ष की माला पहनते हैं।

5. लंगोट
आमतौर पर नागा साधु निर्वस्त्र ही होते हैं लेकिन कई नागा साधु लंगोट धारण भी करते हैं। इसके पीछे कई कारण हैं। जैसे भक्तों के उनके पास आने में कोई झिझक ना रहे। कई साधु हठयोग के तहत भी लंगोट धारण करते हैं। जैसे लोहे की लंगोट, चांदी की लंगोट, लकड़ी की लंगोट। यह भी एक तप की तरह होता है।

6. हथियार
नागाओं को सिर्फ साधु नहीं, बल्कि योद्धा माना गया है। वे युद्ध कला में माहिर, क्रोधी और बलवान शरीर के स्वामी होते हैं। अक्सर नागा साधु अपने साथ तलवार, फरसा या त्रिशूल लेकर चलते हैं। ये हथियार इनके योद्धा होने के प्रमाण तो हैं ही, साथ ही इनके लुक का भी हिस्सा हैं।

7. चिमटा
नागाओं में चिमटा रखना अनिवार्य होता है। धुनि रमाने में सबसे ज्यादा काम चिमटे का ही पड़ता है। चिमटा हथियार भी है और औजार भी। ये नागाओं के व्यक्तित्व का एक अहम हिस्सा होता है।

8. रत्न
कईं नागा साधु रत्नों की मालाएं भी धारण करते हैं। महंगे रत्न जैसे मूंगा, पुखराज, माणिक आदि रत्नों की मालाएं धारण करने वाले नागा कम ही होते हैं। उन्हें धन से मोह नहीं होता लेकिन ये रत्न उनके श्रृंगार का आवश्यक हिस्सा होते हैं।

9. जटा
जटाएं भी नागा साधुओं की सबसे बड़ी पहचान होती हैं। मोटी-मोटी जटाओं की देखरेख भी उतने ही जतन से की जाती है। काली मिट्टी से उन्हें धोया जाता है। सूर्य की रोशनी में सुखाया जाता है।

10. दाढ़ी
जटा की तरह दाढ़ी भी नागा साधुओं की पहचान होती है। इसकी देखरेख भी जटाओं की तरह ही होती है। नागा साधु अपनी दाढ़ी को भी पूरे जतन से साफ रखते हैं।