सार
इन दिनों वैशाख मास चल रहा है। इस महीने में भगवान विष्णु के साथ शिवजी की पूजा का भी विशेष महत्व बताया गया है। इसके लिए 8 और 9 मई को खास संयोग भी बन रहा है। इनमें 8 मई, शनिवार को प्रदोष और अगले दिन 9 मई को शिव चतुर्दशी यानी मासिक शिवरात्रि रहेगी।
उज्जैन. शनि प्रदोष और शिव चतुर्दशी पर जल से शिवलिंग का अभिषेक और पूजा करने पर उम्र बढ़ती है और हर तरह की परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है। शिवपुराण के मुताबिक ये दोनों दिन भोलेनाथ की पूजा के लिए बहुत खास माने गए हैं। इन तिथियों पर की गई शिव पूजा से कई गुना शुभ फल मिलता है।
जल चढ़ाने से दूर होती है परेशानियां
वैशाख महीने में शिवलिंग पर पानी का कलश या घड़ा स्थापित किया जाता है। माना जाता है कि जैसे घड़े से पानी की बूंद-बूंद शिवलिंग पर गिरती है, उसी तरह परेशानियां भी पानी की तरह बहकर दूर हो जाती है। इसलिए इन दो दिनों में शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए
शारीरिक परेशानियों से छुटकारा
वैशाख महीने के प्रदोष और शिव चतुर्दशी पर सुबह जल्दी उठकर नहाने के बाद भगवान भोलेनाथ का जल और दूध से अभिषेक करना चाहिए। इसके बाद शिवलिंग पर मदार, धतूरा और बेलपत्र चढ़ाएं। साथ ही शिवजी को मौसमी फलों का भोग लगाएं। इन दो दिनों में सत्तू, तरबूज और जल के घड़े का दान करना बेहद शुभ होता है। इन चीजों का दान करने से शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं।
शिव पूजा के 2 दिन
प्रदोष तिथि यानी 8 मई को व्रत रखें और शाम को सूर्यास्त के समय शिव पूजा करनी चाहिए। इस दिन शिवलिंग पर बिल्वपत्र और सफेद फूलों की माला चढ़ाएं। साथ ही घी का दीपक लगाएं। मिट्टी के मटके में पानी भरकर शिव मंदिर में दान करें।
शिव चतुर्दशी यानी 9 मई को भगवान शिव और पार्वती देवी की पूजा करनी चाहिए। इस दिन देवी पार्वती को सौभाग्य सामग्री यानी 16 श्रंगार चढ़ाए जाते हैं। जिससे परिवार में सुख और समृद्धि बढ़ती है और मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
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