सार

इन दिनों भगवान शिव का प्रिय सावन (Sawan) मास चल रहा है, जो 22 अगस्त तक रहेगा। इस महीने का शिव (Shiva) भक्तों को पूरे साल इंतजार रहता है। इस महीने में शिव भक्ति अपने चरम पर होती है। भक्त विभिन्न उपायों से महादेव (Mahadev) को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। इस महीने से जुड़ी कई परंपराएं (Tradition) और मान्यताएं हैं। इनमें से कुछ परंपराओं का धार्मिक, वैज्ञानिक तो कुछ का मनोवैज्ञानिक कारण है। भक्त इन परंपराओं का पालन पूरी भक्ति व श्रृद्धा से करते हैं। 

उज्जैन. सावन मास की एक परंपरा के अनुसार महिलाओं द्वारा हरे रंग की चूड़ियां और कपड़े विशेष रूप से पहने जाते हैं। आगे जानिए इस परंपरा से जुड़ी खास बातें…

सावन (Sawan) में हरे रंग का महत्व
- सावन के महीने में बारिश होती है, जिसकी वजह से आसपास के वातावरण में हरियाली होती है। हरेभरे पेड़ पौधे आंखों को सुकून देने का काम करते हैं। हालांकि हरे रंग का धार्मिक महत्व भी है।
- सावन (Sawan) में विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है। पूजा में विवाहित महिलाएं माता पार्वती को श्रृगांर के समान में हरि रंग की चूड़ियां अर्पित करती हैं। कहा जाता है कि हरा रंग पति और पत्नी के बीच प्रेम की बढ़ाता है।
- सावन के महीने में हरे रंग की चूड़ियां और कपड़े पहनने की परंपरा है। हरे रंग को सुहाग का प्रतीक माना जाता है। इस महीने में हरियाली तीज, हरियाली अमावस्या जैसे त्योहारों में हरा रंग धारण किया जाता है।
- ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक बुध ग्रह हरे रंग का प्रतिनिधित्व करता है। मान्यता है कि कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए हरे रंग को पहनना चाहिए। इससे व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है। बुध की स्थिति मजबूत होने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

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