Toyota एक महीने में करेगी आठ लाख कारों का प्रोडक्शन, चिप की कमी से पड़ेगा इतना असर

टोयोटा ने बताया कि क्योंकि यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कंपोनेंट की कमी कब तक रहेगी।  इसमें चिप संकट की स्थिति के साथ-साथ supply chains पर Russia-Ukraine war का  भी शामिल है, एक्चुअल प्रोडक्शन भी हो सकता है। 

Asianet News Hindi | / Updated: Mar 18 2022, 02:27 PM IST

ऑटो डेस्क। टोयोटा मोटर कॉर्प ने कहा है कि वह वैश्विक स्तर पर हर महीने लगभग 800,000 कारों का प्रोडक्शन करेगी। कंपनी ने कम उत्पादन के आंकड़े के लिए लगातार सेमीकंडक्टर की कंपोनेंट की कमी को जिम्मेदार ठहराया है। जापान के अपने डोमेस्टिक इंडस्ट्री में, टोयोटा ने पहले ही कहा था कि वह अप्रैल में उत्पादन में 20%, मई में 10% और जून के महीने में उत्पादन में पांच प्रतिशत की कटौती करेगी।
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नियमित प्रोडक्शन करने पर होगा फोकस
 कंपनी द्वारा जारी एक बयान में, टोयोटा ने बताया कि क्योंकि यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कंपोनेंट की कमी कब तक रहेगी।  इसमें चिप संकट की स्थिति के साथ-साथ supply chains पर Russia-Ukraine war का  भी शामिल है, एक्चुअल प्रोडक्शन भी हो सकता है। यह पूरे वर्ष के लिए अपने उत्पादन संख्या को संभावित रूप से कैसे प्रभावित कर सकता है, यह देखना दिलचस्प होगा क्योंकि कंपनी ने 2020 और 2021 में इस संबंध में सभी ऑटोमोटिव ब्रांडों में जबरदस्त प्रोडक्शन किया है। 

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टोयोटा ने हासिल की बड़ी उपलब्धि
टोयोटा कंपनी ने इस मामले में  Volkswagen, GM, को पछाड़ दिया। एक्सपर्ट का कहना है कि कोविड की स्थिति और चिप की कमी से टोयोटा को उतनी मुश्किल नहीं हुई है, जितना कि वोक्सवैगन, जीएम, फोर्ड और अन्य जैसे अन्य ऑटो दिग्गजों को हुई है। लेकिन टोयोटा के साथ-साथ अन्य global brands के लिए मौजूदाी हालात अनिश्चित बने हुए हैं।

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नियॉन की आपूर्ति से खराब होगी स्थिति
 चिप की कमी के अलावा  विभिन्न ऑटो ब्रांडों के लिए सप्लाई चैन के लिए रूस - यूक्रेन का युद्ध भी जिम्मेदार है। इससे नियॉन की आपूर्ति विशेष रूप से प्रभावित हुई है, क्योंकि यूक्रेन दुनिया को गैस की 70% जरूरतें पूरी करता है। लेज़रों के लिए नियॉन की आवश्यकता होती है जो माइक्रोचिप निर्माण के लिए आवश्यक होते हैं। कई लोगों को लगता है कि इसका असर तत्काल भविष्य में महसूस नहीं किया जा सकता है - क्योंकि नियॉन सप्लायर अच्छी तरह से तैयार थे, यह एक चिंता का विषय हो सकता है अगर आने वाले समय में रूस-यूक्रेन युद्ध ऐसे ही जारी रहा।
 

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