पहले प्रयास में ही UPSC में हासिल की थी 18वीं रैंक, एक घटना के कारण छोड़ दिया था डॉक्टर बनने का सपना

रिशिता गुप्ता ने अपनी हाई स्कूल साइंस स्ट्रीम से पूरी की। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मेडिकल की पढ़ाई करने का इरादा किया, लेकिन भाग्य उन्हें एक अलग रास्ते पर ले गया।

Asianet News Hindi | Published : Aug 14, 2021 8:12 AM IST

करियर डेस्क. हम सभी अपने करियर के  लिए प्लान बनाते हैं लेकिन हम में से कई लोगों के लिए, वास्तविकता हमारी इच्छा से अलग होती है। जहां कुछ विपरीत परिस्थितियों में फंस जाते हैं, लेकिन विपरीत समय में भी जो अपने लक्ष्य के लिए रास्ता बनाते हैं मंजिल वही पाते हैं। हम आपको एक ऐसे ही आईएएस अफसर की कहानी  बता रहे हैं। उनका नाम है रिशिता गुप्ता। वो बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना देखा था, लेकिन परिस्थितियां बदल गईं और वह एक आईएएस अधिकारी बन गईं।

इसे भी पढ़ें-  UPSC Interview: दबंग ने 10 बार रेप किया पर सबूत नहीं तो क्या उसे गोली मार देंगे, कैंडिडेट का ऐसा था जवाब

उनके परिवार ने हमेशा उनके सपनों का समर्थन किया और उन्हें समृद्ध और एक उत्कृष्ट छात्र बनने के लिए सही माहौल देने की कोशिश की। उन्होंने अपनी हाई स्कूल साइंस स्ट्रीम से पूरी की। उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद मेडिकल की पढ़ाई करने का इरादा किया, लेकिन भाग्य ने उन्हें एक अलग रास्ते पर ले गया।

जब वो 12वीं क्लास की पढ़ाई की तैयारियों में बिजी थी तभी बीमारी के कारण उनके पिता का निधन हो गया। इस घटना का  उनके ऊपर गहरा प्रभाव पढ़ाऔर उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हुई जिस कारण से हो मेडिकल एंट्रेस एग्जाम क्लियर नहीं कर पाईं और उनके डॉक्टर बनने का सपना अधूरा रह गया।

इसे भी पढ़ें- वो कौन सी मिठाई है जिसमें फल और फूल दोनों का नाम है, UPSC Interview में पूछे गए ऐसे अटपटे सवाल

लेकिन उन्होंने  निराश होने के बजाय अंग्रेजी साहित्य में बैचलर की डिग्री हासिल करने का फैसला किया। 2015 में उन्होंने नौकरशाही के फील्ड में करियर बनाने की योजना बनाई और देश की सबसे कठिन परीक्षा, यूपीएससी परीक्षा को पहली बार में पास करने का फैसला किया। दृढ़ इच्छाशक्ति और प्रयास से उन्होंने  अपने पहले ही प्रयास में 2018 में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में देश में 18वीं रैंक हासिल की।

अपने पहले प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में सफल होने के लिए उन्होंने सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध तरीके से पढ़ाई की। एनसीईआरटी की किताबों से लेकर कोचिंग और ऑनलाइन संसाधनों, नोट्स और कई मॉक परीक्षाओं तक सबका प्रयोग किया। परीक्षा के लिए इस तरह की तैयारी ने उसे एक मजबूत नींव बनाने में मदद की।

इसे भी पढ़ें- Upsc Interview:अगर बिहार नक्शे से बाहर हो जाए तो क्या देश का तेजी से विकास होगा, जवाब सुन हो जाएंगे shocked

यूपीएससी परीक्षा को पास करने के इच्छुक छात्रों को वो सलाह देती हैं कि वे परिणाम के बजाय पूरी तरह से अपनी तैयारी पर ध्यान दें। इसके अलावा, समसामयिक घटनाओं के लिए नियमित रूप से समाचार पत्र और मासिक पत्रिकाएं पढ़नी चाहिए। उन्हें वैकल्पिक विषय के रूप में लोक प्रशासन को चुना। उसने यूपीएससी की लिखित परीक्षा में 879 अंक और इंटरव्यू में 180 अंक हासिल किए।

Share this article
click me!