कैंसर लेने वाली थी जान, लेकिन कोरोना वायरस ने बचा ली 23 साल के युवक की जान

कोरोना की वजह से एक शख्स की जान बच गई। उसे लास्ट स्टेज का कैंसर था। कोरोना और कैंसर में क्या कनेक्शन हैं ये सोचकर परेशान होने की जरूरत नहीं। गिब्सन नामक शख्स की कहानी फिल्म से कम नहीं है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 29, 2022 5:57 AM IST / Updated: Aug 29 2022, 01:50 PM IST

हेल्थ डेस्क. अक्सर फिल्मों में देखा होगा कि कोई हीरो डॉक्टर के पास किसी और चीज का इलाज कराने गया और बीमारी कुछ और निकल आई। ऐसा ही एक शख्स के साथ हुआ जब वो कोरोना टेस्ट कराने गया और पता चला कि उसे लास्ट स्टेज का कैंसर था। जहां इंसान के बचने की स्थिति ना के बराबर होती है। लेकिन वो शख्स आज सही सलामत है। उस शख्स का नाम है एलिस्टेयर गिब्सन। 23 साल के गिलब्सन अमेरिकी फुटबॉलर हैं और हाईलैंड स्टैग्स के कोच हैं। 

एलिस्टेयर गिब्सन को कुछ वक्त पहले खांसी की समस्या होने लगी। लगातार खांसी आने से वो कोरोना का टेस्ट कराया। रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद भी शारीरिक समस्या बनी रही। कुछ महीने के भीतर बीमारी और बढ़ने लगी। फिर से उन्होंने टेस्ट कराया और इस बार रिपोर्ट पॉजिटिव थी।लेकिन इस बार खांसी के साथ खून भी आने लगे। जिसके बाद लगा कि कुछ गलत है। फरवरी 2022 में कान, नाक और गले के स्पेशलिस्ट ने उनकी गर्दन में एक सूजे हुए लिम्फ नोड को हटाया। बाद में पता चला कि गिब्सन को चौथे चरण का चार हॉजकिन लिंफोमा (Hodgkin lymphoma) था।

गिब्सन को था रेयर कैंसर

हॉजकिन लिंफोमा एक रेयर कैंसर है। इसके बाद कीमोथेरेपी का पहला लेवल शुरू किया गया। वो 10 दिन तक आईसीयू में रहें। गिब्सन बताते हैं कि मेरे साथ जो भी हो रहा था वो अच्छा है या बुरा इसके बारे में सोचने के लिए मेरे पास वक्त नहीं था। इस दौरान मैं अपनी सामान्य चीजें करता रहा। एक सप्ताह बाद बॉस को बताया कि मुझे कैंसर है।गिब्सन ने बताया कि मैं शारीरिक रूप से अच्छा महसूस कर रहा था। मैं ट्रेनिंग में था और अपना खेल खेल रहा था। उस दौरान मुझे सिर्फ खांसी की ही शिकायत थी। उस समय मैंने टेस्ट करवाया, लेकिन पॉजिटिव नहीं था। हालांकि लगातार हो रही खांसी की वजह से मुझे लगने लगा था कि कुछ तो गड़बड़ है।

कोरोना के टेस्ट की वजह से बच गई जान

गिब्सन अपने कैंसर की जर्नी के बारे में बताया कि जिस तरह से मेरी कीमोथेरेपी हुई, हर चरण के 10वें और 13वें के बीच इम्यून सिस्टम और श्वेत रक्त कोशिकाएं शून्य हो गई। अगर इस अवस्था में किसी को भी सर्दी या कोरोना हो तो वो गंभीर रूप से बीमार हो सकता है। उन्होंने बताया कि यह साल काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। उन्होंने कहा कि कोविड़ की वजह से मेरी लाइफ बच सकी। अगर मुझे कोरोना नहीं हुआ होता तो कभी पता नहीं चलता की मुझे कैंसर है। बोल सकते हैं कि कोरोना की वजह से मेरी जान बच गई।

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