कोरोना के बीच मंकी पॉक्स का बढ़ा खतरा, ब्रिटेन के बाद अमेरिका में सामने आया मामला, जानें कारण और लक्षण

ब्रिटेन और अमेरिका में मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ रहा है। कोरोना महामारी के बीच इस बीमारी के आने से लोगों में बेचैनी बढ़ गई हैं। यह बीमारी में एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है।

Nitu Kumari | Published : May 19, 2022 5:39 AM IST / Updated: May 19 2022, 11:10 AM IST

हेल्थ डेस्क: ब्रिटेन में इन दिनों मंकी पॉक्स तेजी से पैर फैला रहा है। यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी के मुताबिक अब तक सात लोगों में यह संक्रमण पाया गया है। अमेरिका में भी मंकी पॉक्स का एक मामला सामने आया है।  मैसाचुसेट्स डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ ने बुधवार को कनाडा की हालिया यात्रा के साथ एक वयस्क पुरुष में मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण के एक मामले की पुष्टि की। 

मंकीपॉक्स एक दुर्लभ और गंभीर वायरल बीमारी है। आम तौर पर फ्लू जैसी बीमारी और लिम्फ नोड्स की सूजन से शुरू होती हैं। चेहरे और शरीर पर दाने निकल आते हैं। आइए इस बीमारी के कारण और लक्षण जानते हैं।

मंकीपॉक्स वायरस(Monkeypox Virus) ऑर्थोपॉक्सवायरस के परिवार से आता है। यह स्माॉल पॉक्स यानी चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य है। एक्सपर्टस की मानें तो मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक की तुलना में कम गंभीर होते हैं। 

जानवरों से फैलने वाली बीमारी

मंकीपॉक्स जानवरों से फैलने वाली बीमारी है। यह वायरस जंगलों में जानवरों के अंदर होते हैं। लेकिन घर में आने-जाने वाले जानवर मनुष्यों तक इस वायरस को लेकर आ जाते हैं। WHO की रिपोर्ट के अनुसार मंकी पॉक्स गिलहरी, चूहों और कई तरह के बंदरों में पाया जाता है।

लक्षण-

तेज बुखार आना

तेज सिरदर्द

शरीर में सूजन होना

त्वचा पर लाल चकत्ते और फफोले पड़ना

एनर्जी में कमी होना

समय के साथ लाल चकत्ते घाव के रूप में बदलना

बीमारी को 2 से 3 सप्ताह तक रहना

दानों में असहनीय दर्द का होना, जोड़ों में सूजन

मंकी पॉक्स संक्रामक बीमारी है

यह एक संक्रामक बीमारी है। यह व्यक्ति के छूने, छींकने, खांसी, मल या किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से यह फैलता है। यौन क्रिया के दौरान भी यह फैलता है। ब्लड डोनेट के दौरान भी ध्यान देने की जरूरत है। अगर मंकी पॉक्स से पीड़ित व्यक्ति ब्लड डोनेट करता है तो इससे दूसरे तक यह बीमारी पहुंच जाती है। अभी तक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं बना है। इसका इलाज स्पेशल लैब में किया जाता है। त्वचा के घाव, पपड़ी को ठीक करने के लिए ठंडे वातावरण में एक स्टेराइल ट्यूब में पीड़ित को रखा जाता है।

और पढ़ें:

सोते वक्त आता है पसीना तो हो जाएं सावधान! कैंसर समेत हो सकती हैं ये खतरनाक बीमारियां

यहां हुए एक साथ 10 लाख लोग Covid पॉजिटिव, इन 5 घरेलू उपाय से कोरोना बुखार से खुद को रखें सुरक्षित

 

Read more Articles on
Share this article
click me!