Research : कॉफी पीने से वजन घटने के साथ ही कोलेस्ट्रॉल लेवल हो सकता है कम

सर्दियों के मौसम में एक कप कॉफी मिल जाए तो मजा आ जाता है। कॉफी पीने से शरीर में फुर्ती आ जाती है। बहुत से लोग चाय की जगह कॉफी पीना ज्यादा पसंद करते हैं। एक रिसर्च से पता चला है कि कॉफी से कई तरह के स्वास्थ्य फायदे होते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Dec 28, 2019 4:07 AM IST

हेल्थ डेस्क। सर्दियों के मौसम में एक कप कॉफी मिल जाए तो मजा आ जाता है। कॉफी पीने से शरीर में फुर्ती आ जाती है। बहुत से लोग चाय की जगह कॉफी पीना ज्यादा पसंद करते हैं। एक रिसर्च से पता चला है कि कॉफी से कई तरह के स्वास्थ्य फायदे होते हैं। कॉफी के शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर अलग-अलग विशेषज्ञों के विचारों में अंतर रहा है। कुछ फूड स्पेशलिस्ट का मानना है कि कॉफी आंतों पर बुरा असर डालती है और इससे गैस्ट्रिक से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं। लेकिन फिलहाल जो रिसर्च स्टडी हुई है, उसमें इसे फायदेमंद बताया गया है।

कहां हुई रिसर्च
यह रिसर्च अमेरिका के इलिनोइस यूनिवर्सिटी में हुई। इस रिसर्च के परिणामों से पता चला कि कॉफी में पाई जाने वाली कैफीन शुगर और वसा को कम करती है। इससे इसका इस्तेमाल करने पर वजन को कम किया जा सकता है। साथ ही, यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में भी कारगर साबित हुई है। खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से दिल की बीमारियां होने की आशंका बढ़ जाती है, क्योंकि इससे धमनियों में संकुचन आ जाता है।

चूहों पर की गई स्टडी
यह स्टडी चूहों पर की गई। इसके लिए चूहों को करीब एक महीने तक ऐसा खाना दिया गया, जिसमें 40-45 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट और सिर्फ 15 प्रतिशत प्रोटीन था। जाहिर है, यह भोजन हेल्दी नहीं था। इसके साथ ही उन चूहों को कॉफी दी गई। इसमें फाइटोकेमिकल्स के साथ ही फ्लेवोनॉइड्स और अमीनो एसिड होते हैं। चूहों को 65 से 135 मिलीग्राम कैफीन मिली। इसके अलावा भी उन्हें कैफीन की खुराक दी गई। 

क्या आया परिणाम
इस स्टडी से पता चला कि जिन चूहों को कैफीन दी गई थी, उनके शरीर में फैट की मात्रा कम हुई। शोधकर्ताओं का कहना है कि कैफीन की वजह से ही उनके शरीर में वसा के अवशोषण में करीब 22 प्रतिशत की कमी आई और इससे उनका वजन 16 प्रतिशत तक कम हुआ। बहरहाल, इस शोध के प्रमुख एल्विरा गोंजालेज का कहना है कि कैफीन लिवर और वसा ऊतकों में लिपोजेनिक एंजाइम्स के असर से ज्यादा वसायुक्त भोजन के दुष्प्रभाव को कम करती है। यह वसा के नेगेटिव असर को करीब-करीब खत्म ही कर देती है। साथ ही, इससे बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी कमी आती है, जो दिल संबंधी बीमारियों का एक प्रमुख कारण है।   

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