रसोई में बचा हुआ तेल दोबारा खाना बनाने के लिए हानिकारक होता है, लेकिन इसे दीया जलाने, लोहे की चीज़ों में जंग लगने से बचाने, लकड़ी के फर्नीचर को चमकाने, बागवानी में कीड़ों से बचाव और बायोडीजल बनाने जैसे कई कामों में इस्तेमाल किया जा सकता है।
Reuse Leftover Cooking Oil: रसोई में बचा हुआ तेल दोबारा खाना बनाने के लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि इसमें ट्रांस फैट और ऑक्सीडेशन की वजह से नुकसानदायक तत्व बन जाते हैं। इसलिए बचे हुए काले तेल का सही इस्तेमाल करना ज़रूरी है।
बचा हुआ तेल घर में मिट्टी के दीये या लोणट्या के दीये में इस्तेमाल किया जा सकता है। खासतौर पर इसका इस्तेमाल पूजा-पाठ या घर के वातावरण को शुद्ध करने के लिए किया जा सकता है।
लोहे के औज़ार, लोहे की चीज़ें, ताला, साइकिल की चेन, दरवाज़े के कब्ज़े आदि में जंग न लगे, इसके लिए काले तेल की पतली परत लगाई जा सकती है।
अगर लोहे का गेट या ताला जाम हो गया है, तो उस पर थोड़ा सा तेल लगाकर हल्के से रगड़ें, इससे वो खुल जाएगा।
पुराने लकड़ी के फर्नीचर और दरवाज़ों को पोंछने के लिए बचा हुआ तेल इस्तेमाल करने से उनमें चमक आती है और वे लंबे समय तक टिकते हैं।
अगर बगीचे में पेड़-पौधों में कीड़े लग गए हैं, तो काले तेल में पानी और साबुन मिलाकर उसका स्प्रे बना सकते हैं। इससे कीड़ों का प्रकोप कम होता है और यह प्राकृतिक कीटनाशक का काम करता है।
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अगर कुकर के ढक्कन की रिंग टाइट हो गई है, तो उस पर थोड़ा सा तेल लगाने से वो आसानी से लग जाती है। दरवाज़े या अलमारी के हुक पर तेल लगाने से जंग नहीं लगती।
कुछ जगहों पर बचा हुआ तेल बायोडीजल बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो वाहनों के लिए भी उपयोगी होता है।
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