13 तारीख + शुक्रवार..क्यों माना जाता है खतरनाक, जानें इससे जुड़े मिथक और सच

हिंदू मान्यताओं में 13 तारीख और शुक्रवार को अशुभ मना जाता है। आज 13 तारीख और शुक्रवार दोनों हैं, दुनिया के कई देशों में इस संयोग को लेकर अजीब खौफ रहता है। आइए जानते हैं क्या वाकई ये संयोग खतरनाक होता है या फिर ये सिर्फ एक मिथक है।

Nitu Kumari | Published : Oct 13, 2023 7:27 AM IST / Updated: Oct 13 2023, 12:58 PM IST

लाइफस्टाइल डेस्क. आज 13 अक्टूबर और दिन शुक्रवार है। दुनियाभर के लोग इस 13 तारीख को शुक्रवार का दिन पड़ना अशुभ मानते हैं। इसे लेकर कई तरह के अंधविश्वास, कहानियां और मिथक सदियों से चले आ रहे हैं। कई जगह पर लोग इस संयोग को लेकर इतना घबराए हुए रहते हैं कि अपने घरों से भी बाहर नहीं निकलते हैं। 13 नंबर को तो लोग इतना अशुभ मानते हैं ना तो इसे पता पर इस्तेमाल करते हैं और ना ही इमारतों में 13वां फ्लोर रखा जाता है। होटल के कमरे में 13 नंबर वाले नहीं होते हैं। तो क्या वाकई 13 नंबर और शुक्रवार का कंबिनेशन खतरनाक होता है।

हम इस रहस्यमय तारीख के आसपास की सच्चाईयों और गलतफहमियों का खुलासा करने की कोशिश करने वाले हैं। तो सबसे पहले 13वें शुक्रवार के इतिहास के बारे में जानते हैं।

13वें शुक्रवार का इतिहास?

13वें शुक्रवार के मिथक को समझने के लिए हमें इसकी उत्पत्ति में गहराई से जाना होगा। हालांकि अंधविश्वास के सटीक सोर्स को बताने वाला कोई निश्चित ऐतिहासिक रिकॉर्ड नहीं है। फिर भी कई थ्योरी इसे लेकर प्रचलित है। एक थ्योरी इसे नॉर्स पौराणिक कथाओं से जोड़ता है, जहां 12 देवता वल्लाह में भोज कर रहे थे, तभी चालबाज देवता लोकी ने पार्टी को नष्ट कर दिया, जिससे उनकी संख्या 13 हो गई। जिसके बाद अराजकता फैल गई और इस विश्वास को जन्म दिया कि एक मेज पर 13 देवता बुराई का अग्रदूत हैं। एक अन्य कहानी ईसाई ट्रेडिशन से जुड़ा है। माना जाता है कि यीशु को धोखा देने वाले प्रेरित जुडास इस्कैरियट, अंतिम भोज में 13वें अतिथि थे, जो शुक्रवार को हुआ था। बाद में यह धारणा स्थापित हुई कि शुक्रवार और संख्या 13 दोनों अशुभ हैं।

आइए शुक्रवार 13 तारीख से जुड़े कुछ सामान्य मिथकों की जांच करें और तथ्य को कल्पना से अलग करते हैं।

काली बिल्ली: एक स्थायी मिथक यह है कि काली बिल्लियां अशुभ होती हैं। इसे मध्यकाल के दौरान चुड़ैलों के साथ जोड़कर देखा और समझा गया। लेकिन वास्तव में काली बिल्लियां दूसरे रंग की बिल्लियों से अलग नहीं हैं।

टूटा हुआ दर्पण: ऐसा माना जाता है कि दर्पण का टूटना सात साल तक दुर्भाग्य लेकर आता है। यह अंधविश्वास प्राचीन मान्यताओं में निहित हो सकता है कि दर्पण में प्रतिबिंब किसी की आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है। हालांकि, ऐसे परिणामों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

13 अशुभ नंबर: 13 नंबर के डर को ट्रिस्काइडेकाफोबिया के नाम से जाना जाता है। लोग इमारतों में 13वीं मंजिल से परहेज करते हैं। 13 नंबर की जगह वो 14A रखते हैं। हालांकि 13 नंबर अशुभ होता है इसका भी कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है। इसे काफी हद तक मानवीय कल्पना और सांस्कृतिक मिथक माना जा सकता है।

शुक्रवार एक अशुभ दिन के रूप में: यह धारणा कि शुक्रवार एक अशुभ दिन है, कुछ संस्कृतियों में इसकी उत्पत्ति हुई है। लेकिन इसे अन्य संस्कृतियों में उत्सव का दिन भी माना जाता है। उदाहरण के लिए, यहूदी धर्म और इस्लाम में शुक्रवार पूजा और सभा का दिन है।

सांस्कृतिक विविधताएं और विरोधाभास

यह ध्यान रखना जरूरी है कि जो चीज एक संस्कृति में अशुभ माना जाता है वहीं दूसरे में इसे शुभ माना जाता है। जहां कई वेस्टर्न सोसाइटी में शुक्रवार 13 तारीख को अशुभ मना जाता है। वहींदुनिया के अन्य हिस्सों, जैसे चीन, में 13 नंबर को भाग्यशाली माना जाता है। इस दिन का कथित भाग्य या दुर्भाग्य काफी हद तक सांस्कृतिक प्रभाव और व्यक्तिगत विश्वास का मामला है।

तो, क्या शुक्रवार 13 तारीख दुर्भाग्य का दिन है?

इसका उत्तर मानव के दिमाग जितना ही जटिल है। यह एक ऐसा दिन है जब विश्वास और अंधविश्वास एक दूसरे से टकराते हैं। कुछ लोग इस दिन सावधानी से चलते हैं, जबकि अन्य के लिए यह दिन भी बाकी दिनों की तरह होता है।लेकिन एक बात साफ है, चाहे आप इसे तथ्य के रूप में देखें या कल्पना के रूप में, 13वां शुक्रवार आने वाली पीढ़ियों को मोहित करता रहेगा।

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