COVID 19 के खिलाफ लड़ाई: ऑक्सीजन सप्लाई और वैक्सीनेशन को लेकर सबसे तेजी से हुए फैसले, ऐसे एक्शन में आए मोदी

भारत में कोरोना संक्रमण को लेकर स्थितियां अभी भी चिंताजनक हैं। लेकिन यह अच्छी बात है कि कोविड के खिलाफ लड़ाई में केंद्र सरकार ने राज्यों के साथ जितनी तेजी से कॉर्डिनेशन किया, उसने ऑक्सीजन और दवाओं को लेकर खड़े हुए संकट से उबारना शुरू कर दिया है। यही नहीं, लॉकडाउन के चलते गरीबों को भोजन के संकट से भी निजात दिलाई है। अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई से लेकर वैक्सीनेशन, गरीबों को अनाज और संक्रमण रोकने पिछले कुछ दिनों के अंदर केंद्र सरकार ने क्या एक्शन लिए..जानिए एक रिपोर्ट...

Asianet News Hindi | Published : Apr 25, 2021 5:52 AM IST / Updated: Apr 25 2021, 11:34 AM IST

नई दिल्ली. भारत में अप्रैल का महीना कोरोना संक्रमण के लिए चिंताजनक रहा। लेकिन केंद्र सरकार की पहल और राज्यों के साथ बेहतर कॉर्डिनेशन ने कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में लोगों का मनोबल नहीं टूटने दिया।  यह अच्छी बात है कि कोविड के खिलाफ लड़ाई में केंद्र सरकार ने राज्यों के साथ जितनी तेजी से कॉर्डिनेशन किया, उसने ऑक्सीजन और दवाओं को लेकर खड़े हुए संकट से उबारना शुरू कर दिया है। यही नहीं, लॉकडाउन के चलते गरीबों को भोजन के संकट से भी निजात दिलाई है। अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई से लेकर वैक्सीनेशन, गरीबों को अनाज और संक्रमण रोकने पिछले कुछ दिनों के अंदर केंद्र सरकार ने क्या एक्शन लिए..जानिए एक रिपोर्ट...

राज्यों को ऑक्सीजन सप्लाई करने ऑक्सीजन एक्सप्रेस...
भारतीय रेल कोविड -19 के खिलाफ अपनी लड़ाई के क्रम में ऑक्सीजन एक्सप्रेस चला रहा है। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के लिए लिक्विड चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) से भरे टैंकरों को लेकर ये ऑक्सीजन एक्सप्रेस रेलगाड़ियां नासिक और लखनऊ पहुंचीं। आंध्र प्रदेश, दिल्ली जैसे राज्य ऐसी और अधिक रेलगाड़ियां चलाने के लिए रेलवे के साथ परामर्श कर रहे हैं। इसके अलावा जर्मनी से 23 आक्सीजन टैंकरों को एयरलिफ्ट किया गया है। यूएई और सिंगापुर से ऑक्सीजन टैंकर मंगवाए गए हैं। हर राज्य के लिए एक आक्सीजन एक्सप्रेस शुरू की गई है। हर राज्य में 262 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। अंबानी, अडानी, टाटा  और जिंदल जैसे बिजनेसमैन ऑक्सीजन का प्रोडक्शन बढ़ाने पर जुट गए हैं। सिर्फ दिल्ली में ही ऑक्सीजन कोटा 378 मीट्रिक टन रोजाना से बढ़ाकर 480 मीट्रिक टन प्रतिदिन किया है। बता दें कि भारत में अभी तक 7100 टन ऑक्सीजन बनाई जा रही थी। इसमें से काफी बड़ा हिस्सा फैक्ट्रियों में भी इस्तेमाल होता था। इसे फिलहाल रोक दिया गया है। अब केंद्र ने ट्रेन से ऑक्सीजन से भरे टैंकरों का परिवहन शुरू कर दिया है। इसके अलावा लिंडे इंडिया सहित बड़े स्तर पर गैस उत्पादन कंपनियों के साथ करार किया है। एयर फोर्स टैंकरों को पहुंचा रहा है।

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1 मई से वैक्सीनेशन को सफल बनाने स्वास्थ्य मंत्रालय एक्शन में
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और कोविड-19 के खिलाफ जंग में प्रौद्योगिकी एवं डाटा प्रबन्धन संबंधी सशक्त समूह के अध्यक्ष डॉ. आरएस शर्मा ने शनिवार को नई टीकाकरण रणनीति (चरण-3) के प्रभावी क्रियान्वयन के बारे में राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ मीटिंग की। यानी 1 मई से शुरू होने वाले टीकाकरण के नए चरण को सफल बनाने प्लेटफॉर्म पूरी तरह से तैयार है। 18 से 45 आयु वर्ग के लोगों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध है।

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केंद्र सरकार के साथ खड़े हुए वैक्सीन निर्माता
20 अप्रैल को मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर के वैक्सीन निर्माताओं से बातचीत की थी। सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि सभी वैक्सीन निर्माताओं को न केवल सभी संभव मदद और लॉजिस्टिक सपोर्ट मिले, बल्कि वैक्सीन की मंजूरी की प्रक्रिया भी तेज और वैज्ञानिक हो। वैक्सीन निर्माताओं ने 18 वर्ष की आयु से ऊपर के सभी लोगों के लिए टीकाकरण की अनुमति देने के सरकार के फैसले को सराहा था। सरकार ने कोविड टीकों के आयात पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को भी 3 महीने की अवधि के लिए तत्काल प्रभाव से छूट दी है।

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हॉस्पिटल की संख्या बढ़ाने की कवायद
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश दिए कि अतिरिक्ति डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पतालों की पहचान करें और डीआरडीओ, सीएसआईआर, अथवा सरकारी एवं निजी क्षेत्र की ऐसी एजेंसियों की मदद से फील्ड हॉस्पिटल फैसिलिटी तैयार करें। ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड और ऑक्सीजन सप्लाई की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करें। बेड के आवंटन के लिए सेंट्रलाइज़्ड कॉल सेंटर आधारित सेवा शुरू करें। उचित प्रशिक्षण प्राप्त पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की तैनाती और मरीज़ों के प्रबन्धन तथा एम्बुलेंस सेवाओं को सशक्त बनाने के लिए डॉक्टर्स और नर्सों को परामर्श। अतिरिक्त एम्बुलेंस की तैनाती के माध्यम से जिन ज़िलों में बुनियादी ढांचे की कमी है, वहां के मरीजों को रेफर करके अन्य ज़िलों में आसानी से पहुंचाया जा सके। बेड के आवंटन के लिए सेंट्रलाइज़्ड कॉल सेंटर बनाया जाए।

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मई और जून में गरीबों को मिलेगा 5-5 किलो ज्यादा अनाज
केंद्र सरकार ने अपनी योजना 'पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना' के तहत हर गरीब परिवार के प्रत्येक सदस्य को मई-जून में 5-5 किलो अनाज अधिक देने का ऐलान किया है। इस योजना का लाभ 80 करोड़ गरीब परिवारों को मिलेगा। इस योजना अब मोदी सरकार करीब 26000 करोड़ से अधिक खर्च करेगी। 

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रेमेडिसविर का उत्पादन करने के लिए 25 नए उत्पादन स्थलों को मंजूरी
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडावी ने कहा कि 12 अप्रैल से रेमेडिसविर का उत्पादन करने के लिए 25 नए उत्पादन स्थलों को मंजूरी प्रदान की गई है। उत्पादन क्षमता बढ़कर अब प्रति माह 90 लाख शीशियों तक हो गई है, जो कि पहले 40 लाख शीशियां प्रति महीने थी। रेमेडिसविर का बहुत जल्द उत्पादन 3 लाख शीशियां/ दिन हो जाएगा।  केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा के अनुसार, राजस्व विभाग ने रेमडेसिविर पर सीमा शुल्क घटा दिया है। 

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