सरकारी डिक्शनरी से ‘ओम’ शब्द क्यों हटाना चाहता है नेपाल, जानें क्या है इसका अर्थ?

Controversy of the word Om in Nepal: भारत के पड़ोसी देश नेपाल में इन दिनों एक नया मुद्दा सामने आया है। यहां सरकारी डिक्शनरी में बदलाव के नाम पर ओम शब्द को हटाने की कोशिश की जा रही है, जिसे लेकर हिंदू धर्म के लोगों में काफी आक्रोश है।

 

Manish Meharele | Published : Oct 1, 2023 10:30 AM IST

उज्जैन. नेपाल सरकार (Government of Nepal) द्वारा इन दिनों सरकारी डिक्शनरी (Official Dictionary of Nepal) से कुछ विशेष शब्दों को हटाने की कोशिश की जा रही है। इनमें से एक शब्द ओम भी है, जो सनातन धर्म का प्रतीक है। डिक्शनरी में बदलाव की कोशिश साल 20216 से की जा रही है, अब इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बना दी है। हालांकि सनातन धर्म को मानने वाले लोगों का गुस्सा अभी भी शांत नहीं हुआ है। आगे जानिए क्या है ये मामला…

2012 का है ये मामला
नेपाल की सरकारी डिक्शनरी से ओम शब्द हटाने का मामला आज का नहीं है, ये साल 2012 से चल रहा है। उस समय नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार थी। उस समय के शिक्षा मंत्री दीनानाथ शर्मा के आदेश पर डिक्शनरी में बदलाव के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही डिक्शनरी से उन सभी शब्दों को हटाने का निर्णय लिया गया था, जिसमें हलंत आता है जैसे ओम, श्री के अलावा विद्या, बुद्ध, ब्राह्मण आदि।

क्या ये कोई साजिश है?
सरकार के इस फैसले के विरोध सरकार में ही शामिल गठबंधन सोशलिस्ट फ्रंट द्वारा किया जा रहा है। नेपाली कांग्रेस के सांसद शंकर भंडारी इस मुद्दे पर खुलकर सरकार का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि नेपाल की सरकारी डिक्शनरी से ओम शब्द हटाना सनातन संस्कृति पर हमले करने जैसा है। ये एक साजिश है जो पश्चिमी देशों के प्रभाव में की जा रही है।

क्या है ओम शब्द का अर्थ? (What is the meaning of the word Om?)
सनातन धर्म में ओम शब्द भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। इसे बहुत ही पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है। अनेक मंत्रों की शुरूआत ओम शब्द से ही होती है। हिंदी व्याकरण के अनुसार, ओम शब्द तीन अक्षरों से मिलकर बना है। अ उ म, इनमें से अ का अर्थ है उत्पन्न होना, उ का अर्थ है उठना और म का अर्थ है मौन हो जाना यानी कि ब्रह्मलीन हो जाना।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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