तालिबान और ISIS-K में क्यों है दुश्मनी, अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद अफगानिस्तान का क्या होगा?

एक वक्त था जब ISIS-K ने तालिबान पर आरोप लगाया था कि वह अफगानिस्तान में पाकिस्तान का एजेंडा चलाने वाला एक कठपुतली है।

काबुल. अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान की क्रूरता की कहानियां कही जा रही थी, लेकिन काबुल एयरपोर्ट पर ब्लास्ट के बाद से पूरा फोकस तालिबान से हटकर ISIS-K पर चला गया। उसने ब्लास्ट की जिम्मेदारी ली। अमेरिका की बयानों में भी तालिबान की चिंता नहीं दिखती है। बल्कि टारगेट पर ISIS होता है। अफगानिस्तान में तालिबान और ISIS-K एक दूसरे के विरोधी है। यही वजह है कि काबुल एयरपोर्ट ब्लास्ट में तालिबान के भी 13 लड़ाकों के मारे जाने की खबर सामने आई थी। सवाल उठता है कि क्यों? तालिबान और ISIS-K एक दूसरे के खिलाफ क्यों हैं?

कब्जे के बाद ISIS-k ने किए कई हमले
ISIS-K को  इस्लामिक स्टेट-खोरासन भी कहते हैं। तालिबान के कब्जे के बाद इसने कई हमले किए। एक हमला 26 अगस्त और दूसरा 30 अगस्त को किया। इस्लामिक स्टेट ने अफगानिस्तान के खुरासान प्रांत को अपना अड्डा बनाया है। साल 2015 में इसकी शुरुआत हुई। इस्लामिक स्टेट-खोरासन का मकसद न केवल अफगानिस्तान में बल्कि पूरे मध्य और दक्षिण एशिया में खिलाफत करना है। लेकिन तालिबान इसके लिए एक कम्पटीटर है। 

Latest Videos

तालिबान को मानता है पाकिस्तान की कठपुतली
एक वक्त था जब ISIS-K ने तालिबान पर आरोप लगाया था कि वह अफगानिस्तान में पाकिस्तान का एजेंडा चलाने वाला एक कठपुतली है। IS को लगता है कि पाकिस्तान के लिए यह एक प्रॉक्सी वॉर है। तब तालिबान ने IS से अफगानिस्तान में एक समानांतर जिहादी ग्रुप को खत्म करने के लिए कहा। 

ISIS-K एक वजह से और भी तिलमिला गया
तालिबान का एजेंडा अफगानिस्तान तक ही सीमित है, लेकिन ISIS-K सभी मुस्लिम देशों में जिहाद के एजेंडे को ले जाना चाहता है। तालिबान ने कहा है कि उनका मकसद अफगानिस्तान को विदेशी कब्जे से मुक्त कराना था। कब्जे के बाद उन्होंने IS (इस्लामिक स्टेट) के अमीर का नहीं बल्कि अपना खुद का अमीर घोषित किया। इससे IS और भी ज्यादा तिलमिला गया।

दोनों की इस्लाम व्याख्या अलग-अलग है 
तालिबान और IS की इस्लाम की अपनी समझ और व्याख्या अलग-अलग है। तालिबान मुख्य रूप से अफगानिस्तान के पश्तून समुदाय के रूढ़िवादी विचारों पर आधारित हैं। वे सुन्नी इस्लाम के हनफी स्कूल का पालन करते हैं। वहीं IS इस्लाम के एक कठोर वर्जन का पालन करता है। ये सुन्नी इस्लाम के अधिक कठोर सलाफी स्कूल का पालन करता है। 
  
अफगानिस्तान में अब आगे क्या होगा?
ISIS-K ने तालिबान के वर्चस्व को मानने से इनकार कर दिया है। वह अफगानिस्तान में एक लंबे गृहयुद्ध की तैयारी में है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अमेरिका और ब्रिटिश सैनिकों की वापसी के बाद भी अफगानिस्तान में सबकुछ ठीक नहीं चलेगा। पहले अमेरिकी-ब्रिटिश सैनिकों और तालिबान के बाद युद्ध चल रहा था अब शायद तालिबान और ISIS-K के बीच युद्ध चले। लेकिन इन दोनों में अफगानिस्तान का वर्तमान और भविष्य खतरे में है।   

ये भी पढ़ें

1- पब्लिक में गाना गाने पर मिली क्रूर सजा, घर से घसीटकर ले आए, फिर बंदूक की बट से पीटा, अधमरा होने पर मारी गोली

2- 2 साल के बच्चे को गर्म कार में 3 घंटे तक लॉक किया, दाई ने बच्चे को ऐसे मौत दी कि हर कोई चौंक गया

3- यहां म्यूजिक, टीवी, रेडियो पर किसी महिला की आवाज नहीं आनी चाहिए, नहीं तो मौत तक की सजा मिलेगी

4- US ने 7350 मील दूर बैठ काबुल ब्लास्ट प्लानर को किया टारगेट, जानें ड्रोन कैसे ला सकता है युद्ध में क्रांति

5- पॉर्न की ऐसी लत कि कर्मचारी ने बॉस को लगाया करोड़ों का चूना, पैसों से उसने ऐसा काम किया कि कंपनी हुई बर्बाद

Share this article
click me!

Latest Videos

Maharashtra Election 2024: 'कटेंगे-बटेंगे' के खिलाफ बीजेपी में ही उठने लगे सवाल। Pankaja Munde
CM योगी आदित्यनाथ ने गिना दिया बंटने से अब तक क्या-क्या हुआ नुकसान #Shorts
'कांग्रेस को हिंदू भावनाओं की चिंता नहीं' क्या CM Yogi के इन सवालों का मिलेगा जवाब #Shorts
डोनाल्ड ट्रंप की कैबिनेट में हो सकते हैं 3 NRI, एक भारतीय महिला को मिली बड़ी जिम्मेदारी
SDM थप्पड़ कांड और बवाल, फरार नरेश मीणा आ गए सामने, जानें क्या कहा । Naresh Meena । Deoli Uniara