सार
Sharad Purnima 2023 Kab Hai: आश्विन मास की अंतिम तिथि पर शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व का महत्व कईं ग्रंथो में बताया गया है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। जानें कारण…
Sharad Purnima 2023 Par Kheer Khaye ya Nahi: हिंदू पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पूर्णिमा होती है। इस तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा और व्रत करने की परंपरा है। ये तिथि स्नान-दान के लिए भी महत्वपूर्ण मानी गई है। (Sharad Purnima-Chandra Grahan 2023) एक साल में कुल 12 पूर्णिमा तिथि आती है। इनमें से आश्विन मास की पूर्णिमा को बहुत खास माना गया है। इसे शरद पूर्णिमा भी कहते हैं। आगे जानिए इस बार कब है शरद पूर्णिमा और इससे जुड़ी खास बातें…
कब है शरद पूर्णिमा? (Sharad Purnima 2023 Date)
पंचांग के अनुसार, इस बार शरद पूर्णिमा 28 सितंबर, शनिवार को है। ये साल की 12 पूर्णिमा तिथियों में से काफी खास है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणें औषधि का काम करती है, इसलिए इस रात को लोग चंद्रमा की रोशनी में खीर बनाते हैं और उसे खाते हैं। कहते हैं कि चंद्रमा की रोशनी में बनाई गई खीर औषधियुक्त हो जाती है और इसे खाने से सेहत ठीक होती है।
शरद पूर्णिमा पर खीर खाएं-या नहीं? ( Chandra Grahan 2023 Effect On Kheer)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, 28 अक्टूबर, शनिवार को शरद पूर्णिमा की रात न तो चंद्रमा की रोशनी में खीर बनाएं और न ही इसे खाएं क्योंकि इस बार चंद्रमा की किरणें अमृत युक्त नहीं बल्कि विष युक्त रहेंगी। यानी अगर कोई व्यक्ति शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की रोशनी में रखी गई खीर खाता है, तो उसकी सेहत खराब हो सकती है।
क्यों होगा ऐसा? (Chandra grahan on sharad purnima 2023)
ज्योतिषाचार्य पं. द्विवेदी के अनुसार, इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का संयोग बन रहा है, जिसके चलते चंद्रमा की रोशनी अमृत युक्त न होकर विष युक्त हो जाएंगी यानी सेहत के लिए हानिकारक हो सकती हैं। इसलिए इस बार गलती से भी शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की रोशनी में न तो खीर बनाएं और न ही खाएं। ऐसा करना ठीक नहीं होगा।
कब शुरू होगा चंद्रग्रहण- कब होगा खत्म? (Chandra grahan 2023 Date and Time)
ज्योतिषाचार्य पं. द्विवेदी के अनुसार, 28 अक्टूबर, शनिवार को चंद्रग्रहण की शुरूआत रात 01.05 से होगी, जो रात 02.24 पर समाप्त हो जाएगा। ये ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए यहां इसकी सूतक आदि मान्यताएं रहेंगी। चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले यानी शाम 04.05 मिनट से प्रारंभ होगा, जो ग्रहण के साथ ही यानी रात 02:24 पर समाप्त होगा। सूतक काल में बनाई गई खीर भी खाने से बचें।
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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।