भदोही (Uttar Pradesh)। सरकारी स्कूलों की शिक्षा पद्धति को लेकर तमाम सवाल खड़े होते हैं, लेकिन हर जगह ऐसा नहीं है। कुछ ऐसे भी शिक्षक हैं, जो अपनी मेहनत के बलबूते नौनिहालों को अच्छे तरीके से शिक्षा प्रदान कराते हैं। ऐसा ही एक अलग प्रयास प्राथमिक विद्यालय चितईपुर, जो न सिर्फ कॉन्वेंट स्कूलों को टक्कर दे रहा है, बल्कि प्रदेश का इकलौता स्कूल होने का दावा भी करता है, क्योंकि यहां के बच्चे क्लास में पढ़ते हैं। बच्चे लैपटॉप और प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षा प्राप्त करते हैं। बता दें कि यह कोई सरकारी योजना की वजह से नहीं, बल्कि गांव के ही प्राथमिक स्कूल में तैनात प्रधानाध्यापक अरविंद पाल की वजह से हुआ। शिक्षक ने खुद के रुपए से इस स्कूल को इन्होंने हाईटेक किया है। अब उन्होंने अपने वेतन से 10 टेबलेट खरीदकर गांव के स्कूल में छात्र-छात्राओं को डिजिटल शिक्षा से जोड़ा है। हालांकि इन्हें सीएम योगी आदित्यनाथ से सम्मान भी मिल चुका है।