Sawan Somvar 2023: हिंदू धर्म में हर महीने का खास महत्व बताया गया है। इनमें से शिव पूजा के लिए सावन को बहुत ही शुभ माना गया है। ये हिंदू पंचांग का पांचवा महीना होता है। इस बार सावन का अधिक मास होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है।
Adipurush: 16 जून को पूरे देश में रीलिज होने वाली मूवी भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित है। मूवी बनाने के लिए मेकर्स ने कई धर्म ग्रंथों का अध्ययन भी किया है। लेकिन इन ग्रंथों में कई ऐसी बातें हैं, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं।
Adipurush: भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित मूवी आदिपुरुष 16 जून को बड़े परदे पर रिलीज होने वाली है। इस मूवी में देवी सीता का नाम जानकी बताया गया है। वाल्मीकि रामायण ने देवी सीता के और भी कई नाम बताए गए हैं।
समुद्र शास्त्र में शरीर पर तिल होने के शुभ-अशुभ लक्ष्ण बताए गए हैं। लड़कियों के चेहरे पर अगर कुछ जगहों पर तिल हो तो ऐसी लड़कियां बहुत ही किस्मत वाली होती हैं। इनके जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है।
Devshayani Ekadashi 2023: आषाढ़ मास की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं। साल में आने वाली 24 में से इस एकादशी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस एकादशी से भगवान विष्णु 4 महीने के लिए विश्राम करने पाताल लोक में जाते हैं।
Aaj Ka Panchang: 12 जून, सोमवार को पहले उत्तराभाद्रपद नक्षत्र होने से गद और इसके बाद रेवती नक्षत्र होने से मातंग नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इनके अलावा आयुष्मान और सौभाग्य नाम के 2 अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेंगे।
अंक ज्योतिष का महत्व भी अन्य ज्योतिष विधाओं जितना ही है। समय के साथ इसके प्रभाव में और बढोत्तरी देखी जा रही है। इस विधा का मूल आधार है डेट ऑफ बर्थ। इसमें जन्म तारीख के अंकों को जोड़कर मूलांक निकाला जाता है।
12 जून, सोमवार को आषाढ़ कृष्ण पक्ष की नवमी व दशमी तिथि का संयोग रहेगा। इस दिन गद, मातंग, आयुष्मान और सौभाग्य नाम के 4 शुभ योग रहेगा। राहुकाल सुबह 07:25 से 09:05 तक रहेगी। ज्योतिषाचार्य चिराग बेजान दारुवाला (Chirag Bejan Daruwalla) से जानें राशिफल…
Eid-ul-adha 2023: मुस्लिमों द्वारा एक साल में दो बार ईद मनाई जाती है। एक होती है मीठी ईद और दूसरी होती है बकरीद। इसे ईद-उल-अजहा, ईदुलजुहा आदि नामों से जाना जाता है। इस्लामी कैलेंडर के अंतिम महीने धुल हिज्ज की दसवीं तारीख को मनाया जाता है।
Halharini Amavasya 2023: आषाढ़ मास की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। इसका विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस दिन पितरों की शांति के लिए पूजा-पाठ, श्राद्ध आदि कर्म किए जाते हैं। इस दिन हल की पूजा का महत्व है।