सार

Minister Ashwini Vaishnaw ने कहा कि इस समय Theme base trains के संचालन के 150 ट्रेनों और 3000 से ज्यादा कोच रिचर्व किए जाएंगे। रेलवे अब निजी कंपनियों की मदद से tourism सेक्टर में दाखिल हो रहा है। Bharat Gaurav trains के जरिए देशवासी विभिन्न क्षेत्रों की परंपराए, इतिहास और  संस्कृति के बारे में जान पाएंगे।

ऑटो डेस्क । रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) ने भारत गौरव ट्रेनें (Bharat Gaurav trains) चलाने को लेकर बड़ा ऐलान किया है। वहीं इससे से भी बड़ी खबर ये है कि भारत गौरव ट्रेनों का संचालन आईआरसीटीसी (IRCTC ) के अलावा प्रायवेट कंपनियां भी करेंगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस संबंध में  कहा है कि ''हमने 'भारत गौरव' ट्रेनों के लिए 150 से अधिक ट्रेनों का आवंटित करने का फैसला लिया है । इसके लिए  3033 कोचों को लगाया जाएगा। रेल मंत्री की घोषणा के मुताबिक इसके लिए आज यानि 23 नवंबर से ही आवेदन लेने शुरू कर दिए हैं। टूरिज्म (tourism)को  बढ़ावा देने के लिए रेलवे ने इन ट्रेनों की शुरुआत की है। 

150 ट्रेनों को दिया जा सकता है लीज पर 
मंत्री अश्विनी वैष्णव (Minister Ashwini Vaishnaw) ने कहा कि भारत गौरव ट्रेनों के संचालन से रेलवे की आय बढ़ेगी। वैष्णव ने कहा कि इस समय थीम बेस ट्रेनों के संचालन के 150 ट्रेनों और 3000 से ज्यादा कोच रिचर्व किए जाएंगे। रेलवे अब निजी कंपनियों की मदद से टूरिज्म सेक्टर में दाखिल हो रहा है। भारत गौरव ट्रेनों के जरिए देशवासी विभिन्न क्षेत्रों की परंपराए, इतिहास और विविध संस्कृति के बारे में जान  पाएंगे।

कई निजी कंपनियों ने दिखाई रूचि
पत्रकारों को संबोधित करते हुए मंत्री वैष्णव ने कहा, 'हमारे इस नए प्रस्ताव के तहत यदि कोई ऑपरेटर किसी स्टेशन पर ट्रेन को पार्क करना चाहता है तो उसे वह सुविधा मिलेगी। इसके अलावा खान-पान की सुविधा भी वे अपने हिसाब से तय कर सकेंगे।' उन्होंने  कहा कि इस प्रपोजल  में काफी लोगों ने दिलचस्पी ली है। रेल मंत्री ने कहा कि मेक माई ट्रिप, राजस्थान डिपार्टमेंट ऑफ टूरिज्म या फिर ओडिशा टूरिज्म समेत कोई भी डिपार्टमेंट अपनी योजना के मुताबिक ट्रेनें ले सकते हैं और उनका संचालन कर सकते हैं। कंपनियां ट्रेन लीज पर लेकर चलाएगी। वहीं रेलवे   उन्हें मेंटनेंस, वॉटर सप्लाई और खाने के लिए कच्चे माल की सप्लाईकर सकता है।  

मनामना किराया नहीं वसूल पाएंगी निजी कंपनियां
रेल मंत्री की दी गई जानकारी के मुताबिक किसी भी रूट का किराया निजी कंपनियां ही तय करेंगी। हालांकि कंपनियां बहुत ज्यादा किराया नहीं वसूल सकेंगी। लीज पर दी गई ट्रेनों में तेजस, वंदे भारत समेत किसी भी कैटिगरी के कोच का उपयोग किया जा सकेगा। ऑपरेटर्स की मांग के आधार पर कोच उपलब्ध कराए जाएंगे। 

इंडियन रेलवे लीजिंग कॉन्सेप्ट पर आगे बढ़ रही
इंडियन रेलवे अब रेलवे टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए लीजिंग कॉन्सेप्ट पर आगे बढ़ रही है।  इस योजना के मुताबिक पूरी ट्रेन या उसके कुछ कोच लीज पर दिए जाएंगे। जो कंपनी इसे लीज पर लेगी वो इसमें  कल्चरल, रिलिजन और अन्य तरह के थीम के मुताबिक छोटा बदलाव कर सकती है। इसके लिए रेल मंत्रालय ने एग्जिक्युटिव डायरेक्टर स्तरीय कमेटी का गठन किया है, यह कमेटी इससे संबंधित पॉलिसी और टर्म एंड कंडिशन के बारे में फैसला लेगी।

थीम बेस्ड पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
रेल मंत्रालय के अनुसार वर्तमान में बहुत कम संख्या में टूरिस्ट ट्रेन (Tourist Train) चलाई जा रहीं हैं। इनमें भी अधिकतर ट्रेन धार्मिक पर्यटन स्थलों की सैर कराती हैं। देश में सुंदर पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के लिए अब ट्रेनों को ध्रार्मिक स्थानों के अलावा भी संचालित किए जाने की योजना बनाई जा रही है।    इसके लिए रेलवे ऐसे लोगों को व्यवसाय का मौका देगी जो देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराने के लिए एक योजनाबद्ध तरीके से काम कर सकते हैं। 

पांच साल के लिए ट्रेन दिए जाएंगे लीज पर
रेलवे बोर्ड (Railway Board) से मिली जानकारी के अनुसार इच्छुक पार्टी को ट्रेन कम से कम पांच साल तक के लिए लीज पर दिए जाएंगे। ट्रेन की लीज की अवधि बढ़ाई भी जा सकेगी, यदि डिब्बे की आयु और बचेगी। संबंधित पक्ष का कम से कम उतने डिब्बे किराये पर लेने होंगे, जिससे कि एक ट्रेन तो तैयार हो ही जाए। उन्हें टूरिस्ट सर्किट का रूट, स्टॉपेज, टैरिफ आदि डिसाइड करने का अधिकार मिलेगा।
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