सार

अधिकारी का विवादित बयान पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या पीएफआई से जुड़े संभावित आतंकी मॉड्यूल का पता लगाने के बारे में मीडिया से बातचीत के दौरान आया। पुलिस ने कहा कि उन्होंने पटना से दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को दौरे पर थे।

पटना। PFI के कथित ट्रेनिंग माड्यूल की तुलना बीजेपी की मातृ संस्था आरएसएस से करने वाले बिहार के सीनियर आईपीएस अफसर ने सफाई दी है। पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों (Manavjit SIngh Dhillon) ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से इंटरप्रेट किया गया है। चुनिंदा बातों को हाईलाइट कर गलत व्याख्या करके विवाद को बढ़ाए जाने का यह परिणाम है। दरअसल, एसएसपी के बयान के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई थी। बीजेपी ने एसएसपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उधर, सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने अपने शीर्ष अधिकारियों से कहा था कि 48 घंटे के भीतर अफसर से इस मामले को साल्व कराएं और उनके बयान पर जवाब ली जाए। 

सफाई देते हुए क्या कहा पटना एसएसपी ने?

शुक्रवार को एसएसपी मानवजीत ढिल्लों ने कहा कि विवाद, चुनिंदा बयान के गलत व्याख्या का परिणाम था। बकौल एसएसपी, 'मैं केवल एक पत्रकार के सवाल का जवाब दे रहा था कि समूह कैसे संचालित होता है। मैंने उस बिंदु को जब्त किए गए दस्तावेजों और गिरफ्तार पुरुषों के दर्ज बयानों के अनुसार समझाया जिसमें उन्होंने एक संगठन का नाम दिया है।' उन्होंने कहा कि पीएफआई का मॉड्यूल कैसे काम करता है, उन्होंने समझाया। अधिकारी ने कहा, 'मेरा इरादा कभी भी दो संगठनों की तुलना करने का नहीं था। यह कहना बेमानी है कि मैं ऐसा कुछ कर रहा था।'

एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों के किस बयान पर मचा घमासान?

पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि 'जैसे आरएसएस में लाठियों के इस्तेमाल के लिए शाखाएं और प्रशिक्षण दिए जाते हैं, वैसे ही शारीरिक शिक्षा की आड़ में पीएफआई युवाओं को अपने केंद्र में बुला रहा था और उनकी विचारधारा को बढ़ावा देने और उनका ब्रेनवॉश करने का प्रयास कर रहा था।'

इसके बाद बीजेपी नेताओं ने खोल दिया अधिकारी के खिलाफ मोर्चा

बयान के कुछ ही देर बाद भाजपा नेताओं की ओर से इस बयान की निंदा करने वाली तीखी टिप्पणियां आने लगी थी। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शीर्ष पुलिस अधिकारियों से अगले 48 घंटों के भीतर श्री ढिल्लों से स्पष्टीकरण मांगने को कहा था। बिहार के राज्यसभा सदस्य और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि पटना के एसएसपी को इस तरह के बयान को तुरंत वापस लेना चाहिए और इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि 'यह दिखाता है कि एसएसपी ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है ... आप आरएसएस जैसे राष्ट्रवादी संगठन की तुलना पीएफआई से कैसे कर सकते हैं?'

मांझी की पार्टी ने किया था अधिकारी का बचाव...

सूत्रों ने कहा कि जीतन राम मांझी का हिंदुस्तान आवाम मोर्चा ने अधिकारी का बचाव किया था। हिंदुस्तान आवाम मोर्चा, राज्य सरकार में भागीदार है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के मुख्य प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा था कि अधिकारी पर आरोप लगा सकते है। उन्होंने कहा, 'एसएसपी ने बस इतना कहा कि आरएसएस की शाखाएं हैं, ये लोग भी वैसा करते हैं। इसका मतलब यह नहीं था कि वह आरएसएस को आतंकवादी संगठन कह रहे थे।'

कब आया अधिकारी का यह विवादित बयान?

अधिकारी का यह बयान पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या पीएफआई से जुड़े संभावित आतंकी मॉड्यूल का पता लगाने के बारे में मीडिया से बातचीत के दौरान आया। पुलिस ने कहा कि उन्होंने पटना से दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को दौरे पर थे। यह पूछे जाने पर कि क्या समूह की गतिविधियों ने किसी भी तरह से प्रधान मंत्री की यात्रा को लक्षित किया, अधिकारी ने कहा कि इन गिरफ्तारियों और पीएम की यात्रा के बीच कोई संबंध नहीं है। यह सिर्फ इतना था कि यात्रा के दौरान बढ़ती सतर्कता के कारण, सोशल मीडिया की अधिक निगरानी सहित, हम पीएफआई की गतिविधियों के बारे में पता चला। हमने पाया कि वे ऐसी जानकारी फैला रहे थे जो भारत की एकता और संप्रभुता के खिलाफ थी।

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