सार

सहनी की पार्टी के चार विधायक साल 2020 विधानसभा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। इस बीच बीमारी के चलते बोचहां विधायक मुसाफिर पासवान का निधन हो गया। अब सिर्फ तीन विधायक ही सहनी के पास थे। जो अब बीजेपी के हो चुके हैं।

पटना : बिहार (Bihar) में सियासी हलचल तेज हो गई है। पार्टी विधायकों के बीजेपी (BJP) में जाने के बाद बैकफुट पर आए मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) फ्रंट फुट पर जाने की कोशिश कर रहे हैं। गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को तय करना है कि उनकी सरकार में मंत्री कौन रहेगा? वे चाहे तो मुझे हटा दें, ये उनका विशेषाधिकार है लेकिन मैं मंत्री पद नहीं छोड़ूंगा। इसके साथ ही उन्होंने  VIP से किनारा करने वाले अपने तीनों विधायकों को शुभकामना दी और कहा कि तीनों विधायक जहां रहें ठीक रहें। 

बीजेपी पर निशाना
बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के आरोपों का जवाब देते हुए सहनी ने कहा कि बीजेपी जो कल तक 74 विधायकों की पार्टी थी मुकेश साहनी के बदौलत थी, लेकिन आज नंबर वन पार्टी बनी है वह भी मुकेश साहनी के बदौलत ही बनी है। मेरे ऊपर जो आरोप लगाए बेबुनियाद है। जब हमारा गठबंधन बीजेपी के साथ हुआ था उसमें सिर्फ मुकेश सहनी और अमित शाह (Amit Shah) के बीच ही हुई थी। संजय जयसवाल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सिर्फ झूठ बोल रहे हैं। 

चिराग के साथ भी ऐला ही हुआ
VIP प्रमुख ने कहा कि आज जो मेरे साथ हुआ हमें बहुत पहले से ही उम्मीद थी। जब तक मेरे शरीर में प्राण है तब तक मैं अपने समाज के लोगों की हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा। बीजेपी अपने सहयोगियों को हमेशा से ही धोखा देते आ रही है। चिराग पासवान (Chirag Paswan) के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। मुकेश साहनी ने कहा के बीजेपी के नेता जो नैतिकता के आधार पर मेरा इस्तीफा मांग रहे हैं तो उन्हें बता देना चाहता हूं कि किसी भी दल को तोड़कर नंबर वन पार्टी बनने की बात करने वाले नैतिकता की बात कैसे कर सकते हैं?

सन ऑफ मल्लाह हूं - सहनी
मुकेश सहनी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि निषाद समाज को एससी या एसटी कैटेगरी में आरक्षण की मांग जो मैंने की, उसी से भाजपा के लोग नाराज हो गए। जातीय जनगणना की मांग भी उन्हें अच्छी नहीं लगी। सन ऑफ मल्लाह हूं। अपने समाज के हक के लिए लड़ता रहूंगा। बीजेपी को पता चल जाएगा कि मेरे पीछे कितना बड़ा जन समर्थन है।

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