सार

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नीतीश कुमार अगले 48 घंटे में बड़ा फैसला ले सकते हैं। इसी बीच बिहार से दिल्ली तक बैठकों का दौर शुरू हो गया है। तेजस्वी यादव ने भी अपनी पार्टी के विधायकों की मीटिंग बुलाई है। इस मामले में  वो शांत हैं। 

पटना. जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के खिलाफ भ्रष्ट्राचार का मामला और फिर इस्तीफे के बाद एक बार फिर से बिहार की सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नीतीश कुमार अगले 48 घंटे में बड़ा फैसला ले सकते हैं। इसी बीच बिहार से दिल्ली तक बैठकों का दौर शुरू हो गया है। नीतीश कुमार ने अपने सभी सासंदों और विधायकों की अहम बैठक बुलाई है। सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी बात की है जिसके बाद कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई गई है।

बीजेपी से टकराव की खबरें
बताया जा रहा है कि बिहार में जेडीयू और बीजेपी के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। बीते एक महीने से टकराव की खबरें आ रही हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कई मौके पर बीजेपी से दूरी बनाते दिखें हैं। 17 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए थे। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई समारोह में नीतीश कुमार का बुलाया गया था लेकिन वो शामिल नहीं हुए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण में भी नीतीश कुमार शामिल नहीं थे। वहीं, 7 अगस्त को पीएम मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में आयोजित हुए नीति आयोग की बैठक में भी नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए। 

आरसीपी सिंह का इस्तीफा
दरअसल, 5 अगस्त को जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष ने पत्र लिखकर अपनी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को अकूल दौलत बनाने के मामले में नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब मांगा। इसके बाद आरसीपी सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले जेडीयू ने आरपीसी सिंह को राज्यसभा नहीं भेजा था जिसके बाद उन्हें मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था।

मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं होगी जेडीयू
वहीं, दूसरी तरफ जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा भी नाराजगी के बड़े संकेत दिए हैं। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भविष्य में जब मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार होगा तो जदयू उसमें शामिल नहीं होगा। उन्होंने यहां तक कहा कि यह फैसला सीएम नीतीश कुमार का है। 

नीतीश कुमार क्यों हैं नाराज?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार चलाने में फ्री हैंड नहीं मिलने के कारण नीतीश कुमार नाराज हैं। इसके साथ-साथ ही वो आरसीपी सिंह के मामले से बीजेपी से नाराज बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि बीजेपी बिहार में चिराग पासवान प्रकरण के बाद अब आरसीपी सिंह को उसी तरह के हथियार बना रही हैं। 

क्या आरेजडी के साथ बनाएंगे सरकार
हालांकि इसे लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं हुई है कि नीतीश कुमार आरजेडी के साथ सरकार बनाएंगे या नहीं लेकिन इश पूरे मामले को देखते हुए मंगलवार को बिहार में बैठकों का दौर रहेगा। आरजेडी, कांग्रेस और जीतनराम मांझी ने अपने-अपने विधायकों की बैठक बुलाई है।

बीजेपी ने कहा था गठबंधन धर्म निभाएंगे
हाल ही में बीजेपी की दो दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया था इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि आने वाले समय में सभी क्षेत्रीय पार्टियां खत्म हो जाएंगी और केवल बीजेपी रहेगी। वहीं, अमित शाह ने कहा था कि बीजेपी गठबंधन धर्म निभाएगी और लोकसभा चुनाव 202 और बिहार विधानसभा चुनाव जेडीयू से साथ मिलकर लड़ेगी। 

क्या है बिहार का सियासी समीकरण
बिहार विधानसभा चुनाव जेडीयू ने बीजेपी के गठबंधन के साथ लड़ा था। 2020 में एनडीए को 125 सीटें मिली थीं। जबकि महागठबंधन को केवल 110 सीटें मिली थीं। बीजेपी को 74, जदयू को 43 सीटें। आरजेडी को 75, कांग्रेस को 19 और माकपा (माले) को 12 सीटों पर जीत मिली थी।

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