सार

इंडस्ट्री के साथ मिलकर स्किलिंग प्रोग्राम को मार्केट की जरूरत के अनुसार डेवलप किया जाएगा। इसके जरिए कैंडिडेट्स को रोजगार के लायक तैयार करने में मदद मिलेगी। एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज को आधुनिक बनाने के लिए राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा। 

करियर डेस्क. केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आम बजट 2022 (Budget 2022) पेश कर दिया है। इस बजट से घर की महिलाओं से लेकर स्टूडेंट्स और युवाओं तक को उम्मीद थी। ऐसे में सबसे जरूरी सेक्टर जॉब्स को लेकर इस बजट में क्या कुछ खास है। इस पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रोजगार को लेकर कई बातें की गई हैं। उन्होंने कहा कि जॉब्स और एजुकेशन सेक्टर में कई नए-नए डिपेल्पमेंट किए जाएंगे। आइए जानते हैं इस आम बजट में स्टूडेंट्स से लेकर युवाओं के रोजगार के लिए क्या खास है।


इंडस्ट्री के साथ मिलकर स्किलिंग प्रोग्राम को मार्केट की जरूरत के अनुसार डेवलप किया जाएगा। इसके जरिए कैंडिडेट्स को रोजगार के लायक तैयार करने में मदद मिलेगी। एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज को आधुनिक बनाने के लिए राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा। 

लघु एवं कुटीर उद्योग को दो लाख करोड़ का अतिरिक्त फंड दिया जाएगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। सभी राज्यों के चुनिंदा आईटीआई संस्थानों (ITI Institutes) में आवश्यक स्किलिंग कोर्सेज शुरू किए जाएंगे। वर्ल्ड क्लास फॉरेन यूनिवर्सिटी और संस्थानों को GIFT City में अनुमति मिलेगी ताकि वे फाइनांशियल मैनेजमेंट कोर्सेज़ ऑफर कर सकें। इसमें फिनटेक, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स के क्षेत्र में कोर्सेज़ के जरिए स्किल्ड मैनपावर बढ़ाया जाएगा।

नाबार्ड के जरिए फंडिंग दी जाएगी 
कृषि क्षेत्रों के स्टार्टअप्स को NABARD के जरिए फंडिंग दी जाएगी। स्टार्ट-अप्स और आंत्रप्रेन्योरशिप को मदद देकर ड्रोन शक्ति प्रोग्राम को बढ़ावा दिया जाएगा। भारत के परिदृश्य में अर्बन प्लानिंग और डिजाइन के क्षेत्र को विकसित करने, और सर्टिफाइड ट्रेनिंग देने के लिए 5 मौजूदा शिक्षण संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। ये 5 संस्थान देश के अलग-अलग क्षेत्रों में चिन्हित किए जाएंगे। हर संस्थान को इस मद के लिए 250 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे।  अन्य संस्थानों में अर्बन प्लानिंग कोर्सेस के लिए सिलेबस तैयार करने से लेकर प्रशिक्षण देने तक का काम एआईसीटीई का होगा। 

16 लाख नौकरियां दी जाएंगी आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत। 60 लाख नौकरियां मेक इन इंडिया के तहत। कौशल विकास कार्यक्रमों को नई सिरे से शुरू किया जाएगा, ताकि रोजगार के अवसर बढ़ाए जा सकें। नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन प्रोग्राम उद्योगों की जरूरत के अनुसार बनाया जाएगा। राज्यों में संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्रों को भी जरूरत के अनुसार अपग्रेड किया जाएगा।

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