सार
इस ग्रोथ की वजह लो बेस इफेक्ट है। आरबीआई ने जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 21.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था।
नई दिल्ली. कोरोना महामारी के बाद 2021-22 की पहली तिमाही में जीडीपी में जबर्दस्त ग्रोथ रही। जून तिमाही में देश की आर्थिक दर तेज उछाल के साथ 20.1% पर पहुंच गई। ये किसी भी तिमाही में अब तक की रिकॉर्ड हाई ग्रोथ है। इससे पहले रॉयटर्स ने 41 इकोनॉमिस्ट पर एक पोल किया था, जिसके मुताबिक, पहले ही बता दिया गया था कि जून 2021 तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 20 फीसदी रह सकती है।
लो बेस इफेक्ट की वजह से ग्रोथ
इस ग्रोथ की वजह लो बेस इफेक्ट है। आरबीआई ने जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 21.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। एक्सपर्ट के मुताबिक, बेहतर तस्वीर के लिए हमें जीडीपी को तिमाही बेस पर देखना होगा।
पहली तिमाही में कुल GVA 30.1 लाख करोड़ रु रहा
इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कुल GVA 30.1 लाख करोड़ रुपए रहा। ये पिछले साल के मुकाबले 18.8% ज्यादा है। GVA से अर्थव्यवस्था के कुल आउटपुट और इनकम का पता चलता है।
सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर (MoS Rajeev Chandrashekhar) ने तिमाही ग्रोथ रेट के रिकॉर्ड पर खुशी जाहिर की और मोदी सरकार का धन्यवाद किया।
1990 के बाद सबसे बड़ी ग्रोथ
मार्च 2021 में तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ 1.6 प्रतिशत थी। 1990 से लेकर अबतक ये किसी भी तिमाही में सबसे बड़ी ग्रोथ है। 1990 से पहले ये आंकड़े उपलब्धन नहीं हैं।
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