सार
India Salary Growth report: 2019 से 2024 के बीच भारत में नौकरीपेशा लोगों की वास्तविक सैलरी 1.7% घटी, जबकि मजदूरों की कमाई 12.3% बढ़ी। खुद का व्यवसाय करने वालों की आय में 1.5% की गिरावट आई।
India Salary Growth report: देश में महंगाई से लेकर हर मोर्चे पर सबसे अधिक परेशान मध्यमवर्ग ही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में नौकरीपेशा लोगों की असली सैलरी घटी है। हद तो यह कि मजदूरों की दिहाड़ी तक बढ़ गई लेकिन वर्किंग क्लास 2019 से अभी तक जूझ रहा। नौकरीपेशा (Salaried Employees) लोगों की असली तनख्वाह (Real Wages) पिछले पांच वर्षों से लगभग स्थिर है और जून 2024 तक 1.7% कम हो गई है। इसके विपरीत, मजदूरों की दिहाड़ी में 12.3% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। स्वरोजगार (Self-Employed) करने वालों की आय में 1.5% की गिरावट आई है।
नौकरी वालों की असली कमाई पर असर
रिपोर्ट्स की मानें तो 2019 के बाद से महंगाई और अन्य आर्थिक वजहों के कारण प्राइवेट सेक्टर (Private Sector) और सरकारी नौकरियों (Government Jobs) में काम करने वाले कर्मचारियों की वास्तविक आय घटी है। जबकि सैलरी नॉमिनल टर्म्स में बढ़ी लेकिन महंगाई दर (Inflation Rate) के कारण इसकी खरीदने की क्षमता (Purchasing Power) कमजोर हुई। इन सेक्टर्स में नौकरी कम होने से सबसे अधिक दबाव मध्यमवर्ग पर है।
मजदूरों की तनख्वाह में 12.3% की बढ़ोतरी क्यों?
विशेषज्ञों के अनुसार, 2020 के लॉकडाउन (Lockdown) के बाद से मनरेगा (MNREGA) और निर्माण कार्यों (Construction Sector) में मजदूरी दर में बढ़ोतरी देखी गई है। सरकार द्वारा न्यूनतम वेतन (Minimum Wages) में वृद्धि और कुछ राज्यों में श्रम सुधारों ने मजदूरों की आय को बढ़ाने में मदद की है।
स्वरोजगार करने वालों को झटका
2019 की तुलना में स्वरोजगार (Self-Employment) करने वाले छोटे व्यापारियों और फ्रीलांसर्स की आमदनी 1.5% कम हो गई है। विशेषज्ञ इसके लिए बढ़ती प्रतिस्पर्धा, महंगाई और मांग में गिरावट को जिम्मेदार मानते हैं।
तनख्वाह घटने के पीछे कारण
महंगाई दर अधिक: सैलरी बढ़ने के बावजूद, खर्च तेजी से बढ़ा, जिससे वास्तविक आय घटी।
नौकरी बाजार में स्थिरता: महामारी के बाद हायरिंग स्लोडाउन (Hiring Slowdown) और तनख्वाह में धीमी बढ़ोतरी।
कॉर्पोरेट लागत कटौती: कई कंपनियों ने नए भर्तियों पर रोक लगाई और तनख्वाह बढ़ाने में कटौती की।
फ्रीलांस और व्यापार प्रभावित: कोविड के बाद छोटे व्यवसायों और फ्रीलांसर्स की आमदनी घटी।