सार

अडाणी ग्रुप के शेयरों की बिकवाली के दौरान कुछ समय के लिए फ्रांस के शेयर बाजार से पीछे हुआ भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर दुनिया के टॉप इक्विटी बाजारों में पांचवें नंबर पर पहुंच गया है।

अडाणी ग्रुप के शेयरों की बिकवाली के दौरान कुछ समय के लिए फ्रांस के शेयर बाजार से पीछे हुआ भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर दुनिया के टॉप इक्विटी बाजारों में पांचवें नंबर पर पहुंच गया है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक, भारत का बाजार पूंजीकरण (Market Cap) शुक्रवार को 3.15 ट्रिलियन डॉलर था, जो कि फ्रांस और ब्रिटेन से आगे है। बता दें कि ब्लूमबर्ग द्वारा दिए गए आंकड़े प्रत्येक देश में प्राथमिक सूची वाली कंपनियों के संयुक्त मूल्य को दिखाते हैं।

24 जनवरी की तुलना में बाजार मूल्य अब भी कम :

फिर भी, अडानी के शेयरों में बिकवाली शुरू होने से एक दिन पहले यानी 24 जनवरी की तुलना में भारत के बाजार का कुल मूल्य करीब 6% कम है। बता दें कि अडाणी ग्रुप द्वारा इन्वेस्टर्स के भरोसे को बनाए रखने के लिए समूह द्वारा उठाए गए कदमों से इसके शेयरों ने कमबैक किया है। हालांकि, पहले की तुलना में ग्रुप के शेयरों का मूल्य अब भी 120 बिलियन डॉलर कम है।

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विदेशी निवेशकों की खरीदारी :

नवंबर, 2022 में भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकालने के बाद विदेशी निवेशकों ने इस महीने 9 फरवरी तक हुए 7 में से 2 मार्केट सेशन के दौरान शुद्ध खरीदारी की है। बता दें कि मूडीज ग्रुप ने अडाणी ग्रुप की 4 कंपनियों का आउटलुक घटाया है। हालांकि, ग्रुप के जो शेयर्स (ASM)निगरानी सूची में गए थे, वो इससे बाहर आ चुके हैं।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद गिरे थे अडाणी के शेयर :

बता दें कि 24 जनवरी को अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर में हेराफेरी जैसे कई आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट के बाद ग्रुप के शेयरों में भारी बिकवाली हुई थी। यहां तक कि 3 फरवरी को अडाणी एंटरप्राइजेज का शेयर 1000 रुपए तक पहुंच गया था। हालांकि, बाद में इसने कुछ रिकवरी दिखाई और फिलहाल ये 1800 के आसपास ट्रेड कर रहा है।

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