सार

म्युचुअल फंड्स की तरफ लोग तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। यही वजह है कि वित्त वर्ष 2023-24 की शुरुआत यानी अप्रैल-जून की पहली तिमाही के दौरान लोगों ने ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड्स में करीब 1,84,789 करोड़ रुपये का निवेश किया है। 

Mutual Fund Investment Growth: अगर आप भी सीधे शेयर बाजार में पैसा लगाने का जोखिम नहीं उठाना चाहते, तो म्युचुअल फंड सबसे अच्छा विकल्प है। म्युचुअल फंड्स की तरफ लोग तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। यही वजह है कि वित्त वर्ष 2023-24 की शुरुआत यानी अप्रैल-जून की पहली तिमाही के दौरान लोगों ने म्युचुअल फंड्स में जमकर पैसा लगाया है। आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-जून की पहली तिमाही में ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड में 1,84,789 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। बता दें कि ये पिछले 4 साल में सबसे ज्यादा है।

मॉर्निंगस्टार इंडिया की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, जून तिमाही के दौरान ओपन-एंडेड फंडों में फ्लो काफी बेहतर रहा है। अप्रैल में 1,23,613 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो हुआ। वहीं, मई में ये घटकर 59,879 करोड़ रुपये हो गया। इसी बीच, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AMU) जून के अंत तक 44.13 लाख करोड़ रुपये था, जो पिछली तिमाही की तुलना में 13 प्रतिशत ज्यादा है।

9 तिमाहियों में इक्विटी फंड्स का फ्लो पॉजिटिव

रिपोर्ट के अनुसार, पिछली 9 तिमाहियों में इक्विटी फंडों में नेट इनफ्लो पॉजिटिव रहा है। हालांकि पिछली कुछ तिमाहियों से गति में गिरावट आ रही है। जून तिमाही में नेट इनफ्लो काफी कम होकर 18,358 करोड़ रुपये रह गया, जबकि पिछली तिमाही में ये 48,766 करोड़ रुपये था। जून तक इक्विटी फंडों का कुल AUM 17.44 लाख करोड़ रुपये था, जो पिछली तिमाही से 15 प्रतिशत ज्यादा है।

क्या है ओपन एंडेड म्युचुअल फंड्स?

बता दें कि कोई म्युचुअल फंड जब पहली बार मार्केट में आता है तो वो NFO यानी न्यू फंड ऑफर के जरिए एंट्री करता है। ये फंड दो तरह के होते हैं, पहला ओपन एंडेड और दूसरा क्लोज एंडेड। ओपन एंडेड फंड्स में आप कभी भी बीच में पैसा लगा सकते हैं या इसे अपनी इच्छा के मुताबिक बेच सकते हैं। जबकि क्लोज एंडेड फंड में लॉक-इन पीरियड होता है। इसमें आप बीच में न तो पैसा लगा सकते हैं और ना ही इसे बेच सकते हैं।

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