सार
फॉक्सकॉन-वेदांता डील कैंसिल (Foxconn Vedanta deal cancelled) होने पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भाजपा पर निशाना साधा है। इसपर केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर और भाजपा नेता अमित मालवीय ने पलटवार किया है।
नई दिल्ली। ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन ने वेदांता के साथ 19.5 अरब डॉलर के सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की डील को तोड़ (Foxconn Vedanta deal cancelled) दिया है। डील के अनुसार गुजरात में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले प्रोडक्शन प्लांट लगाया जाना था। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने भाजपा पर निशाना साधा।
जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, "परियोजना की घोषणा के समय किया गया प्रचार याद है? गुजरात के मुख्यमंत्री ने यहां तक दावा किया कि 1 लाख नौकरियां पैदा होंगी। वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन में साइन किए गए कई एमओयू का यही हश्र हुआ है। यूपी में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट जैसे अन्य सम्मेलनों का भी यही हश्र होगा।"
राजीव चन्द्रशेखर बोले- कांग्रेस ने भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया
इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर और भाजपा नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। राजीव चन्द्रशेखर ने अपने ट्वीट में जयराम रमेश को कांग्रेस का स्पिनमास्टर बताया है। उन्होंने अपने ट्वीट में बताया कि अयोग्य और लापरवाह कांग्रेस ने दशकों तक भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया। इससे भारत इस क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ सका। कांग्रेस की सरकार ने चीन को आगे बढ़ने की अनुमति दी। इसके बाद चीन से बड़े पैमाने पर आयात को प्रोत्साहित किया।
राजीव चन्द्रशेखर ने 'The Statesman' के एक लेख को भी अपने ट्वीट के साथ शेयर किया है। इस लेख में विस्तार से बताया गया है कि भारत किस तरह सिलिकॉन क्रांति में पीछे रह गया था और अब देश किस तरह इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। लेख पढ़ने के लिए कहां क्लिक करें।
अमित मालवीय ने कहा- आत्मनिर्भर भारत से कांग्रेस को है नफरत
दूसरी ओर भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी ट्वीट कर कांग्रेस और जयराम रमेश पर पलटवार किया है। उन्होंने ट्वीट किया, "फॉक्सकॉन-वेदांता दो निजी कंपनियों ने एक संयुक्त उद्यम बनाया था। इन्होंने भारत के सेमीकंडक्टर कार्यक्रम के तहत आवेदन किया था। जैसे-जैसे दोनों कंपनियों ने साथ काम किया, उन्हें कुछ आंतरिक परेशानियों का सामना करना पड़ा, जिसके चलते उन्होंने अपना समझौता खत्म कर लिया।
फॉक्सकॉन-वेदांता डील टूटने से भारत का सेमीकंडक्टर प्रोग्राम प्रभावित नहीं होगा, लेकिन कांग्रेस इसका जश्न मना रही है। जैसे कांग्रेस को इसी पल का इंतजार था। डील टूटने का यह मतलब नहीं है कि दोनों कंपनियां भारत के सेमीकंडक्टर मिशन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हट रही हैं। फॉक्सकॉन और वेदांता दोनों ने स्वतंत्र रूप से भारत के सेमीकंडक्टर कार्यक्रम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की घोषणा की है।
फॉक्सकॉन ने घोषणा की है कि वे सिलिकॉन फैब और डिस्प्ले फैब के लिए आवेदन करने की तैयारी कर रहे हैं। इसी तरह, वेदांता ने भी नए साझेदारों के साथ दोबारा आवेदन करने की बात की है। इसके अलावा अन्य प्रमुख सेमीकंडक्टर कंपनियां सेमीकंडक्टर डिजाइन और निर्माण केंद्र के रूप में भारत का गंभीरता से मूल्यांकन कर रही हैं।
यह कांग्रेस के लिए बुरी खबर है। कांग्रेस भारत की किसी भी नई पहल में बाधा डालने की कोशिश करती है। अब उसे चिंता है कि सेमीकंडक्टर विनिर्माण केंद्र के रूप में भारत का उदय होगा। भारत टेक्नोलॉजी क्षेत्र में एक विश्वसनीय खिलाड़ी के रूप में दुनिया में अपनी स्थिति को और मजबूत करेगा। कांग्रेस को आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर भारत से नफरत है।"