सार

टाटा ग्रुप की दो बड़ी कंपनियों का विलय होने जा रहा है। अब टाटा मोटर्स फाइनेंस और टाटा कैपिटल के मर्जर के लिए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के मेंबर्स ने मंजूरी दे दी हैं। इस विलय की प्रक्रिया एक साल में होगी। 

बिजनेस डेस्क. देश की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स की दो कंपनी अब एक होने होने वाली है। टाटा ग्रुप की फाइनेंस यूनिट टाटा मोटर्स फाइनेंस और टाटा कैपिटल का मर्जर होने वाला है। इसके लिए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के मेंबर्स ने मंजूरी दे दी हैं। टाटा मोटर्स फाइनेंस लिमिटेड, टाटा मोटर्स लिमिटेड की सब्सिडियरी कंपनी है।

जानें किसे मिलेंगे कितने शेयर

इस मर्जर को लेकर कंपनी ने कहा कि टाटा मोटर्स (TML), टाटा कैपिटल लिमिटेड (TCL) और टाटा मोटर्स फाइनेंस लिमिटेड(TMFL) के डायरेक्टर बोर्ड ने NCLT सिस्टम स्कीम से मर्जर के लिए मंजूरी दे दी है। कंपनी ने बताया कि इस विलय की प्रक्रिया के विलय के लिए एक साल का समय लगेगा। कंपनी ने इसकी जानकारी एक्सचेंज फाइलिंग में दी है। कंपनी का प्लान है कि टाटा मोटर्स फाइनेंस के शेयरहोल्डर्स को 100 इक्विटी शेयरों के लिए टाटा कैपिटल के 37 इक्विटी शेयर मिलेंगे।

जानें नई कंपनी में टाटा मोटर्स की कितनी हिस्सेदारी

टाटा मोटर्स, टाटा कैपिटल और टाटा टाटा मोटर्स फाइनेंस के बोर्ड नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के स्कीम ऑफ अरेंजमेंट के तहत मर्जर को मिल गई है। इस डील के पूरे होने के बाद नई कंपनी में टाटा मोटर्स की 4.7% हिस्सेदारी होगी। कंपनी ने कहा इस विलय से ग्राहकों पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।

जानें टाटा कैपिटल की बारे में

टाटा कैपिटल एक लोन देने वाली कंपनी है, जिसकी स्थापना साल 2007 में की गई थी। टाटा कैपिटल व्हीकल लोन के साथ-साथ हाउस और एजुकेशन लोन देती है। टाटा मोटर्स का 4 जून को NSE पर 4.79% की गिरावट के साथ 904.95 रुपए पर बंद हुए। वित्त वर्ष 2024 में टाटा कैपिटल को 3150 करोड़ रुपए शुद्ध लाभ रहा।

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