सार
अंतरराष्ट्रीय बाजार से आ रही खबरों के अनुसार, अक्टूबर में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की संभावना है। सऊदी अरब द्वारा एशिया को बेचे जाने वाले कच्चे तेल की कीमतों में कटौती और OPEC देशों द्वारा उत्पादन बढ़ाने की योजना से कीमतों में कमी आ सकती है।
Petrol Diesel Price: पेट्रोल-डीज की कीमतों में लंबे समय से कोई कटौती नहीं हुई है। यहां तक कि कच्चे तेल के दाम घटने के बाद भी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने घाटे की बात कहकर इसके सस्ता होने के सारे रास्ते बंद कर दिए। हालांकि, अब अंतरराष्ट्रीय लेवल से एक ऐसी खबर आ रही है, जिसके चलते अगले महीने यानी अक्टूबर में क्रूड ऑयल के दाम तेजी से घट सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो दिवाली से पहले सरकार सस्ते पेट्रोल-डीजल का तोहफा दे सकती है।
क्यों घट सकती है कच्चे तेल की कीमत?
सऊदी अरब का नाम दुनिया के सबसे बड़े क्रूड ऑयल प्रोडक्शन करने वाले देशों में शामिल है। खबर है कि सऊदी अरब अब एशिया को बेचे जाने वाले कच्चे तेल के सभी ग्रेड की कीमतों में कटौती करने का मन बन चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सऊदी अरब इस मामले में काफी गंभीर है। अगर वो ऐसा करता है तो क्रूड सस्ता होगा, जिससे भारत की ऑयल मार्केटिंग कंपनियां पेट्रोल-डीजल और ATF की कीमतों में कमी कर सकती हैं।
OPEC देश बढ़ाएंगे क्रूड ऑयल का प्रोडक्शन
इसके अलावा ओपेक कंट्री (OPEC) अक्टूबर से कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ाने वाले हैं। ओपेक कंट्रीज के 8 मेंबर अगले महीने प्रति दिन 1.80 लाख बैरल प्रोडक्शन बढ़ाने की प्लानिंग पर काम कर रहे हैं। क्रूड ऑयल का उत्पादन बढ़ने का फायदा भी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को होगा। ऐसे में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी के लिहाज से अक्टूबर का महीना बेहद अहम रहने वाला है।
कितना चल रहा क्रूड ऑयल
ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 77 डॉलर प्रति बैरल के आसपास चल रहे हैं। वहीं, WTI में कच्चे तेल की कीमत 74 डॉलर प्रति बैरल के नीचे बनी हुई हैं। बता दें कि अगस्त लगातार तीसरा महीना है, जब क्रूड ऑयल के दाम में गिरावट जारी रही। सोमवार 2 सितंबर को कच्चे तेल का भाव 2 हफ्तों के निचले स्तर पर पहुंच गया था। कच्चे तेल में गिरावट की एक वजह चीन से आ रही कमजोर मांग को माना जा रहा है। इसके अलावा अमेरिका से भी मांग घटने से इसमें नरमी देखी जा रही है।
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