सार

सेबी को कंपनियों से 1 लाख 3 हजार करोड़ रुपए की वसूली करनी है, जिसमें से 76 हजार करोड़ रुपए की वसूली मुश्किल मानी जा रही है। यह राशि पिछले चार साल की तुलना में 4% अधिक है। ज्यादातर मामले नियुक्त समितियों की कार्रवाई के दायरे में हैं।

बिजनेस  डेस्क. शेयर बाजार को कंट्रोल करने वाली यूनिट सेबी ने कंपनियों पर बकाया राशि की जानकारी दी है। सेबी को कुल 1 लाख 3 हजार करोड़ रुपए की वसूली करनी है। इसमें से 76 हजार 293 करोड़ रुपए की वसूली को मुश्किल की श्रेणी में रखा गया है। यानी की इन रुपए की वसूली करना मुश्किल होगी। यह बीते चार साल की तुलना में 4% ज्यादा है। इनमें से ज्यादातर मामले नियुक्त समितियों की कार्रवाई के दायरे में है। ऐसे में वसूली अभियान फीका पड़ रहा है।

 मार्च तक 807 मामले सामने आए

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 31 मार्च 2024 तक डीटीआर के रूप में 807 मामलों की पहचान की थी। इन पर 76,293 करोड़ रुपए बकाया है। इनमें से 36 मामले अलग-अलग अदालतों, NCLT और NCLET में कार्यवाही के चलते लंबित है। इन 36 मामलों से 12,199 करोड़ रुपए वसूलने है। वहीं, 60 मामलों से 59,970 करोड़  रुपए अटके है। ये मामले भी कोर्ट की गठित समितियों के अधीन है। आपको बता दें कि बीते साल 692 मामलों में 73,287 करोड़ रुपए बकाया थे।

सेबी को वसूलने है इतने रुपए

सेबी ने लगातार दो साल से इस तरह के आंकड़े जारी कर रहा है। इसका मकसद कार्यवाही की पारदर्शिता को बढ़ाना है। सेबी के वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनियों पर 1 लाख 3 रुपए का बकाया है। एडजुकेटिंग ऑफिसर के लगाए जुर्माना की वसूली का अधिकार भी सेबी के पास है। साल 2023-24 में सेबी के पास 342 नए मामले जांच में आए। बीते साल इन मामलों की संख्या 144 थी। इसमें ज्यादातर मामले सिक्योरिटी कानून के उल्लंघन से जुड़े थे। 

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