सार

पिछले हफ्ते शेयर बाजार में भारी गिरावट के चलते टॉप 10 में से 9 कंपनियों को भारी नुकसान हुआ। सिर्फ़ HDFC बैंक को फ़ायदा हुआ, जबकि Hindustan Unilever को सबसे ज़्यादा नुकसान उठाना पड़ा।

बिजनेस डेस्क। पिछले हफ्ते शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। शुक्रवार को मार्केट 662 प्वाइंट जबकि निफ्टी 218 अंक गिरकर बंद हुए। इस दौरान देश की टॉप-10 सबसे अमीर कंपनियों में से 9 को भारी नुकसान झेलना पड़ा। सिर्फ एक कंपनी HDFC बैंक ही मुनाफे में रही, जिसकी वैल्यूएशन 46,891​​​​ करोड़ रुपए बढ़ गई।

सबसे ज्यादा नुकसान में रही Hindustan Unilever

पिछले हफ्ते टॉप-10 कंपनियों में से सबसे ज्यादा नुकसान हिंदुस्तान यूनीलिवर लिमिटेड को हुआ। हफ्तेभर में कारोबार के दौरान इस कंपनी की मार्केट कैप 44,196 करोड़ रुपए घटकर सिर्फ 5.94 लाख करोड़ रुपए रह गई।

नुकसान के मामले में रिलायंस दूसरे और SBI तीसरे नंबर पर

पिछले हफ्ते शेयर बाजार में गिरावट का सबसे ज्यादा नुकसान जिन 9 कंपनियों को हुआ, उनमें मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज दूसरे नंबर पर रही, जिसके मार्केट कैप में 41,995 करोड़ रुपए की कमी आई और वो घटकर 17.97 लाख करोड़ रुपए रह गया। इसके अलावा घाटे के मामले में तीसरे नबंर पर सबसे बड़ा सरकारी बैंक SBI रहा। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की वैल्यूएशन में 35,118 करोड़ रुपए की कमी आई और ये 6.97 करोड़ रह गया।

इन कंपनियों को भी झेलना पड़ा भारी नुकसान

पिछले हफ्ते के दौरान नुकसान में रहने वाली बाकी कंपनियों में भारती एयरटेल 24,109 करोड़, टीसीएस 23,138 करोड़, एलआईसी 19,798 करोड़, इन्फोसिस 10,630 करोड़, आईटीसी 5,691 करोड़ और आईसीआईसीआई बैंक 5,280 करोड़ शामिल हैं। टॉप-10 में फायदे में रहने वाली एकमात्र कंपनी एचडीएफसी बैंक है, जिसके वैल्यूएशन में 46,891 करोड़ की बढ़त देखी गई और ये अब 13.30 लाख करोड़ पहुंच गया है।

सभी 9 कंपनियों को कुल 2.09 लाख करोड़ का घाटा

बीते हफ्ते के दौरान टॉप-10 में से 9 कंपनियों का कुल घाटा 2.09 लाख करोड़ रुपए रहा। वहीं, पूरे हफ्ते के दौरान सेंसेक्स करीब 1800 अंक, जबकि निफ्टी को भी भारी नुकसान हुआ। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इजराइल द्वारा ईरान पर किए गए हालिया हमले के बाद मिडिल-ईस्ट में एक बार फिर तनाव बढ़ता दिख रहा है, जिसका असर कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ सकता है। वहीं, इस लड़ाई से एक बार फिर जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ने से ग्लोबल मार्केट समेत भारतीय बाजारों में भी गिरावट का अंदेशा जताया जा रहा है।

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