सार
लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार संसद में 2024 का अंतरिम बजट (Interim Budget) पेश करेगी। इस बार बजट में नौकरीपेशा और पेंशनधारकों को राहत देने के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ाकर 75000 रुपए की जा सकती है।
Union Budget 2024: 4 महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार संसद में 2024 का अंतरिम बजट (Interim Budget) पेश करेगी। इस बजट में नौकरीपेशा और पेंशनधारकों (Pensioners) को महंगाई से राहत देने के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन में और छूट मिल सकती है। अंतरिम बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) की लिमिट को मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये किया जा सकता है।
दोनों ही Tax Regime में मिलेगा स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ
स्टैंडर्ड डिडक्शन में इजाफा इसलिए भी होने का अनुमान है, ताकि इसका फायदा नए और पुराने इनकम टैक्स रिजीम का ऑप्शन चुनने वाले टैक्सपेयर्स को मिल सके। बता दें कि 1 फरवरी, 2023 को पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स रिजीम का ऑप्शन चुनने वाले सैलरीड और पेंशनधारकों को स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ देने का ऐलान किया था।
कब लागू हुआ था स्टैंडर्ड डिडक्शन?
बता दें कि स्टैंडर्ड डिडक्शन को फाइनेंशियल ईयर 2018-19 के लिए पेश किए गए बजट में लागू किया गया था। इससे पहले 2017-18 तक टैक्सपेयर्स ट्रांसपोर्ट अकाउंट के मद में 19,200 रुपये और मेडिकल बिल के मद में 15,000 रुपये एनुअली खर्च किए जाने पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते थे। लेकिन इस खर्च पर टैक्स छूट पाने के लिए टैक्सपेयर्स को सारे बिल बतौर प्रूफ देने होते थे। बाद में 2018 के बजट में इन दोनों प्रावधानों की जगह सीधे स्टैंडर्ड डिडक्शन लागू कर दिया गया, जिससे टैक्सपेयर्स को कागजात जमा करने की झंझट से छुटकारा मिल गया।
पहले 40 हजार रुपए था स्टैंडर्ड डिडक्शन
सैलरीड क्लास और पेंशनर्स के लिए पहले स्टैंडर्ड डिडक्शन 40,000 रुपये था। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पेश किए अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम करने की लिमिट 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार भी चुनाव से पहले पेश होने वाले अंतरिम बजट में मोदी सरकार एक बार फिर स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर सकती है।
क्यों बढ़ सकती है स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट?
इस बार पेश होने वाला बजट अंतरिम बजट है। चूंकि, बजट के कुछ दिन बाद ही चुनाव हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार टैक्सपेयर्स को खुश करने के लिए इस बार बड़े फैसले ले सकती है। इसलिए स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को बढ़ाया जा सकता है। इसका फायदा सरकार को आगामी चुनाव में मिल सकता है।
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