सार
मोदी सरकार के बजट 2025-26 में ₹50.65 लाख करोड़ का खर्च! जानिए, सरकार पैसे कहां से लाती है और किस मद में कितना खर्च करती है। टैक्स से लेकर उधारी तक, सबकी जानकारी आसान भाषा में।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार 1 फरवरी को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया। इससे पहले उन्होंने लोकसभा चुनाव के बाद 23 जुलाई को बजट पेश किया था। बजट में किसान, महिलाओं, युवाओं, मिडिल क्लास, नौकरीपेशा, उद्योग जगत के लिए कई बड़े ऐलान किया गए हैं। बजट में इन घोषणाओं के लिए पैसा आखिर कहां से आता है और सरकार उन्हें कहां और कितना खर्च करती है, जानते हैं आसान भाषा में।
बजट के लिए कहां-कहां से जुटाया पैसा
वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने इस बार जो बजट पेश किया, उसमें सरकार का अनुमानित खर्च 50.65 लाख करोड़ रुपये है। वहीं, इस साल सरकार की कुल उधारी 15.69 लाख करोड़ रुपये निर्धारित की गई है, जो 2024-25 के संशोधित अनुमानों में 16.45 लाख करोड़ रुपये से थोड़ा कम है। बजट के आंकड़ों के मुताबिक, 24% पैसा उधारी और अन्य प्रकार की लाइबिलिटीज के जरिए जुटाया गया। वहीं, इनकम टैक्स से सरकार ने 22% पैसा इकट्ठा किया। इसके अलावा 18% पैसा जीएसटी और दूसरे तरह के टैक्स से जुटाया गया। वहीं, 17% पैसा कंपनियों पर लगने वाले कॉर्पोरेशन टैक्स के जरिये एकत्र किया गया।
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सरकार ने कितना पैसा कहां-कहां खर्च किया
तमाम साधनों से जुटाए गए पैसे को सरकार अलग-अलग चीजों में खर्च करती है। सबसे ज्यादा 22% पैसा राज्यों के लिए Tax और ड्यूटीज पर खर्च होगा। इसके बाद 20% रकम ब्याज के भुगतान, 16% पैसा सेंट्रल सेक्टर की स्कीम्स के लिए, 8% सेंट्रली स्पांसर्ड स्कीम्स, 8% फाइनेंस कमीशन और अन्य ट्रांसफर्स और 6% मेजर सब्सिडीज के लिए खर्च किया जाएगा।
किस मंत्रालय को कितना बजट आवंटन?
मंत्रालय/विभाग | बजट (रुपए में) |
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय | 1.37 लाख करोड़ |
रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय | 1.61 लाख करोड़ |
दूरसंचार मंत्रालय | 1.08 लाख करोड़ |
उपभोक्ता मंत्रालय | 2.15 लाख करोड़ |
रक्षा मंत्रालय | 6.81 लाख करोड़ |
शिक्षा मंत्रालय | 1.28 लाख करोड़ |
वित्त मंत्रालय | 19.3 लाख करोड़ |
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय | 99,000 करोड़ |
गृह मंत्रालय | 2.33 लाख करोड़ |
जलशक्ति मंत्रालय | 99,000 करोड़ |
रेल मंत्रालय | 2.55 लाख करोड़ |
सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय | 2.87 लाख करोड़ |
ग्रामीण विकास मंत्रालय | 1.90 लाख करोड़ |
आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय | 96,000 करोड़ |
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय | 32,000 करोड़ |
आईटी मंत्रालय | 26,000 करोड़ |
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