सार

विशेषज्ञों का कहना है कि एएआर (Authority of Advance Ruling) के हालिया फैसले के अनुसार, भर्ती करने वालों की जिम्मेदारी है कि‍ अगर कोई कर्मचारी नोटिस पीरियड को पूरा ना कर नौकरी छोड़ता है तो वो कर्मचारी से वसूली पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्‍म (Reverse Charge Mechanism) के माध्यम से जीएसटी (GST) का भुगतान करें।

बिजनेस डेस्‍क। नौकरी करने वालों को माल और सेवा कर (GST) का भुगतान करना पड़ सकता है यदि वे भर्ती के समय अपने ऑफर लेटर में दर्ज नोटिस पीरियड (Notice Period) को पूरा हीं करते हैं। जीएसटी पर अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (Authority of Advance Ruling) ने अपने हालिया फैसले में कहा है कि नोटिस की अवधि पूरी नहीं करने पर कर्मचारी से विभिन्न वसूली पर जीएसटी लगाया जा सकता है। इन वसूलियों में नोटिस के दौरान वेतन, ग्रुप इंश्‍योरेंस, टेलीफोन बिल आदि शामिल हैं। संक्षेप में, एक कर्मचारी नोटिस पीरियड ना पूरा करने के लिए अपने मासिक वेतन पर जीएसटी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा।
ले सकते हैं जीएसटी 
नोटिस अवधि की सेवा नहीं करने के लिए कर्मचारी पर लगाए गए जीएसटी पर बोलते हुए, मुंबई स्थित टैक्‍स और इंवेस्‍टमेंट एक्‍सपर्ट बलवंत जैन ने कहा कि  एएआर के हालिया फैसले के अनुसार, यह इंप्लॉयर्स की जिम्मेदारी है कि वे नोटिस अवधि के दौरान कर्मचारी से वसूली पर रिवर्स चार्ज तंत्र के माध्यम से जीएसटी का भुगतान करें। जैसा कि रिक्रूटर्स निर्धारित शर्तों के अनुसार वे जॉब हॉपर से जीएसटी का भुगतान करने के लिए कह सकते हैं क्योंकि कर्मचारी नोटिस अवधि को पूरा नहीं कर रहा है। 

18 फीसदी जीएसटी 
सेबी पंजीकृत टैक्‍स एंड इंवेस्‍टमेंट एक्‍सपर्ट जितेंद्र सोलंकी ने कहा कि नोटिस अवधि के दौरान कर्मचारी से वसूली में समूह बीमा, मोबाइल बिल आदि जैसे बिल शामिल हैं। वास्तव में, यह नोटिस भुगतान के दौरान कर्मचारी के पूरे वेतन पर भी हो सकता है। इंप्‍लॉयर अवधि की सेवा के बिना संगठन छोड़ने वाले कर्मचारी पर होने वाली कुल वसूली पर 18 फीसदी जीएसटी चार्ज कर सकता है।

एक महीने से 3 महीने का नोटिस पीरियड 
सेबी पंजीकृत विशेषज्ञ ने आगे कहा कि 18 प्रतिशत जीएसटी तभी लगाया जा सकता है जब कर्मचारी ने नोटिस की अवधि पूरी नहीं की हो। अन्यथा, यह नियोक्ता है जो कर्मचारी के मासिक वेतन पर जीएसटी का भुगतान करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि ऑफर लेटर में नोटिस की अवधि का उल्लेख किया गया है और यह एक महीने से लेकर 3 महीने तक की है. इसलिए, एक कर्मचारी को सलाह दी जाती है कि वह अपने नए भर्तीकर्ता के प्रस्ताव को स्वीकार करते समय न केवल वेतन ब्रेक अप बल्कि नोटिस अवधि को भी देखें।

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