सार
CBSE Parenting Calendar Committee: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2025-26 सत्र के लिए एक अहम पहल की है, जिसके तहत ‘पेरेंटिंग कैलेंडर’ समिति का गठन किया गया है। यह समिति स्कूलों और माता-पिता के बीच संवाद को बेहतर बनाने के लिए बनाई गई है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों की शिक्षा में सुधार लाना और स्कूलों के साथ मिलकर माता-पिता को भी सक्रिय रूप से शामिल करना है। जानिए कि यह समिति कैसे काम करेगी और इसके सदस्यों में कौन-कौन शामिल हैं।
CBSE पेरेंटिंग कैलेंडर समिति के गठन का उद्देश्य
समिति का मुख्य फोकस है-
माता-पिता और शिक्षकों के बीच प्रभावी संवाद: ताकि बच्चे की शिक्षा में सुधार हो सके।
विभिन्न छात्र समूहों की जरूरतें पूरी करना: इसमें किशोर, विशेष जरूरत वाले बच्चे (CWSN) और छोटे बच्चे शामिल हैं।
मूलभूत घटनाओं के लिए एक ठोस संवाद ढांचा: जिससे सभी महत्वपूर्ण शिक्षा संबंधित मामलों को समय पर हल किया जा सके।
समय पर समर्थन और हस्तक्षेप: जिससे छात्रों को बेहतर मदद मिल सके।
CBSE पेरेंटिंग कैलेंडर समिति में देशभर के 10 प्रमुख शिक्षाविद
समिति की अध्यक्षता अनुराधा जोशी, प्रधानाचार्य, सरदार पटेल विदयालय, दिल्ली करेंगी। इसके अलावा, समिति में देशभर के अन्य 9 प्रमुख शिक्षाविद शामिल होंगे, जिनमें-
- डॉ. स्वाती पॉपट वात्स (अध्यक्ष, पोदार एजुकेशन नेटवर्क, मुंबई)
- रेखा कृष्णन (प्रधानाचार्य, वसंत वैली स्कूल, दिल्ली)
- मंजू अरिफ (प्रधानाचार्य, दिल्ली पब्लिक स्कूल, बैंगलोर नॉर्थ)
- डॉ. निवेदिता गांगुली (प्रधानाचार्य, DAV इंटरनेशनल स्कूल, अहमदाबाद)
- मीनाक्षी कुशवाहा (प्रधानाचार्य, बिड़ला विद्या निकेतन, दिल्ली)
- ऋचा अग्निहोत्री (प्रधानाचार्य, संस्कृति स्कूल, दिल्ली)
- एनी कोशी (प्रधानाचार्य, सेंट मेरी स्कूल, दिल्ली)
- डॉ. परमजीत सिंह (प्रधानाचार्य, आर्मी पब्लिक स्कूल, अंबाला)
- डॉ. दिगंता हलदर (प्रधानाचार्य, सरला बिड़ला ज्ञान ज्योति, गुवाहाटी, असम)
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CBSE पेरेंटिंग कैलेंडर समिति के कार्य और जिम्मेदारियां
समिति के सदस्य कई जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे, जैसे:
- बोर्ड द्वारा निर्धारित बैठक में भाग लेना (ऑनलाइन या ऑफलाइन)।
- संयोजक के साथ मिलकर निर्णय लेना और समन्वित कार्रवाई करना।
- पेरेंटिंग कैलेंडर तैयार करना, जिससे सभी उद्देश्यों को पूरा किया जा सके।
समिति के लिए सिफारिशों की प्रस्तुति की अंतिम तिथि
नोटिस के अनुसार, समिति द्वारा सिफारिशों की प्रस्तुति की अस्थायी अंतिम तिथि 15 मार्च 2025 रखी गई है। यह पहल स्कूलों और माता-पिता के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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