सार

दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे एक उम्मीदवार अविनाश दुबे ने सीजेआई को पत्र लिखकर मौतों के लिए जिम्मेदार शहर के अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जानिए लेटर में क्या लिखा है...

UPSC Aspirants letter to CJI Delhi Coaching Centre Flooded: दिल्ली के rau ias coaching सेंटर में सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे तीन कैंडिडेट की मौत ने हर उस पैरेंट्स और छात्र को हिलाकर रख दिया है, जो यूपीएससी जैसी देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक की तैयारी के लिए अपने घर-परिवार से दूर रह कर, किसी कोचिंग में पढ़ाई कर रहे हैं। यूपीएससी एस्पिरेंट्स की मौत से छात्रों में शोक के साथ गुस्सा भी है। ऐसे ही एक छात्र ने भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को लेटर लिखा है। 

जिम्मेदार शहर के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

CJI को दिल्ली कोचिंग में 3 छात्रों की मौत मामले में लेटर लिखने वाले अविनाश दूबे खुद एक यूपीएससी कैंडिडेट हैं। इन्होंने सीजेआई को पत्र लिखकर मौतों के लिए जिम्मेदार शहर के अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने डीवाई चंद्रचूड़ से दिल्ली सरकार और नागरिक निकाय एमसीडी को जलभराव की समस्या से निपटने के लिए उचित कदम उठाने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया।  नीचे पढ़िए वो लेटर, जो अविनाश दुबे ने दिल्ली कोचिंग सेंटर में तीन मौतों पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को लिखा था-

विषय - हमारे मौलिक अधिकारों की रक्षा करना

सर, मैं अविनाश दुबे हूं जो दिल्ली के मुखर्जी नगर में रहकर सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा हूं। 27 जुलाई 2024 को, हमारे 3 छात्र साथी जो पुराने राजेंद्र नगर में एक कोचिंग संस्थान में सिविल सेवा की तैयारी कर रहे थे, उनकी बिना किसी गलती के दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से जान चली गई। यह बात सामने आई है कि एक कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में कुछ छात्र कोचिंग ले रहे थे। बारिश के कारण बेसमेंट में पानी भर गया और वहां फंसने से 3 छात्रों की जान चली गई। सर, दिल्ली के मुखर्जी नगर, ओल्ड राजेंद्र नगर जैसे इलाके यहां की नगर पालिका की उदासीनता के कारण हर साल जलभराव की समस्या से जूझते रहे हैं। सफाई के अभाव में नाली का पानी मुख्य सड़क तक पहुंच जाता है और कई बार तो घरों में भी घुस जाता है। हमें घुटने भर नाली के पानी से होकर गुजरना पड़ता है। सर, नगर पालिका और दिल्ली सरकार की उदासीनता के कारण आज हम जैसे छात्र अपनी तैयारी के लिए नरक जैसी जिंदगी जी रहे हैं। हम जैसे छात्र किसी भी तरह से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। लेकिन, कल की घटना ने साबित कर दिया है कि छात्रों की जान सुरक्षित नहीं है। दिल्ली सरकार और नगर पालिका ने हमें कीड़े-मकौड़ों की तरह लाचार बना दिया है। सर, स्वस्थ जीवन जीते हुए पढ़ाई करना हमारा मौलिक अधिकार है, दुर्भाग्य से दिल्ली सरकार और नगर पालिका इसके प्रति पूरी तरह से उदासीन हैं, जिसके कारण हम जैसे छात्रों का जीवन खतरे में है। उपरोक्त घटना अत्यंत हृदयविदारक एवं चिंताजनक है। जलभराव के कारण सेंटर में पढ़ने वाले छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है। ऐसे में छात्रों को एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण मिलने की आवश्यकता है, ताकि वे बिना किसी डर के अपनी पढ़ाई जारी रख सकें और निकट भविष्य में देश की प्रगति में योगदान दे सकें। छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह जरूरी है कि संबंधित अधिकारी तत्काल प्रभावी कदम उठाएं और जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान करें। इसके अलावा कोचिंग सेंटर में आपातकालीन सेवाओं और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की भी जरूरत है। छात्रों के लिए उचित निकासी मार्ग, प्राथमिक चिकित्सा सुविधाएं और नियमित स्वच्छता व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। छात्रों के माता-पिता और अभिभावकों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, कोचिंग सेंटरों को नियमित स्ट्रक्चरल इंस्पेक्शन करवाना चाहिए और जलभराव जैसी समस्याओं से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। छात्रों का भविष्य और जीवन बेहद मूल्यवान है और उन्हें ऐसी घटनाओं से सुरक्षित रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। अत: आपसे सादर अनुरोध है कि हम जैसे छात्रों के जीवन एवं मौलिक अधिकारों की रक्षा करें एवं हमारे 3 छात्र भाइयों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध उचित कार्रवाई का आदेश देने की कृपा करें। (एनडीटीवी से साभार)

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