सार
NEET-UG 2024 परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए 189 जून, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और एनटीए से जवाब मांगते हुए कहा कि यदि 0.001% भी लापरवाही हुई हो तो तुरंत सुधार करने की जरूरत है।
NEET-UG Row: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को NEET-UG 2024 परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और एनटीए से साफ शब्दों में कहा कि एनईईटी-यूजी 2024 से संबंधित याचिकाओं को प्रतिकूल मुकदमे के रूप में न मानें। यदि कोई गलती हुई है, तो इसे स्वीकार करें और सुधारें। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि न्यूनतम लापरवाही यदि 0.001% भी गलती हुई है तब भी अधिकारियों को तुरंत और कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।
1,563 छात्रों का ग्रेस मार्क्स रद्द कर, दोबारा परीक्षा लेने का निर्णय
इससे पहले 1,563 छात्रों को शुरू में ग्रेस मार्क्स दिए गए क्योंकि उन्हें परीक्षा पूरी करने के लिए पूरे 3 घंटे और 20 मिनट नहीं दिए गए थे। कैंडिडेट्स की ओर से टाइम लॉस याचिका दायर होने के बाद ये अंक देने का निर्णय एनटीए द्वारा गठित शिकायत निवारण समिति की सिफारिशों पर आधारित था। लेकिन विरोध प्रदर्शनों और नीट रिजल्ट रद्द करने की मांग के जोर पकड़ने के बाद सुप्रीम कोर्ट की अनुमति से पिछले हफ्ते ही एनटीए ने 1,563 छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए थे। साथ ही एनटीए ने अदालत को सूचित किया था कि इन उम्मीदवारों के लिए दोबारा परीक्षा 23 जून को आयोजित की जाएगी। नीट री एग्जाम से पहले, उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स शामिल किए बिना, 5 मई के टेस्ट में उनके वास्तविक अंकों के बारे में सूचित किया जाएगा। जो अभ्यर्थी दोबारा नीट परीक्षा में शामिल नहीं होने का विकल्प चुनते हैं, उनके ये मूल अंक बरकरार रहेंगे।
5 मई को आयोजित हुई थी परीक्षा
बता दें कि नीट 2024 प्रवेश परीक्षा 5 मई को 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें विदेश के 14 शहर भी शामिल थे। परीक्षा के बाद पेपर लीक की खबरें सामने आईं और कुछ गिरफ्तारियां भी हुईं। मामले में सुप्रीम कोर्ट में कई जनहित याचिकाएं दायर की गईं। जिसपर सुनवाई जारी है।
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