सार
पूजा खेडकर के साथ उनकी पूरी फैमिली जांच के दायरे में आ गई है। अब पूजा के पिता दिलीप खेडकर की संपत्ति की जांच चल रही है, वहीं उनकी मां मनोरमा खेडकर पिस्तौल लेकर लोगों को धमकाने के मामले में फंस गई हैं।
Pooja Khedkars family property investigation: पूजा खेडकर के साथ उनके पिता दिलीप खेडकर (Dilip Khedkar) और उनकी मां मनोरमा खेडकर (manorama Khedkar) भी गंभीर जांच के दायरे में आ गये हैं। केंद्र ने आईएएस पूजा खेडकर के यूपीएससी में सेलेक्शन के जांच के आदेश दे दिए हैं और उनकी ट्रेनिंग पर रोक लगा दी गई है। वहीं पुणे पुलिस उस वीडियो की जांच में लगी है जिसमें उनकी मां लाइसेंसी बंदूक लहराती और किसानों को धमकाती दिख रही हैं और अब एसीबी पूजा खेडकर के पिता की संपत्ति (Dilip Khedkar Property) की जांच कर रही है। पुणे एसीबी ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर पर भ्रष्टाचार के एक मामले में जांच कर रही है। इससे पहले की उनसे मामले में टीम संपर्क करती दिलीप खेडकर और उनकी पत्नी मनोरमा खेडकर लापता हो गये हैं।
दिलीप खेडकर पर आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला
महाराष्ट्र सरकार के रिटायर्ड ऑफिसर दिलीप खेडकर पर आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला है। एनटीवी की रिपोर्ट के अनुसार शिकायतकर्ता तानाजी गंभीर ने एसीबी को 47 पन्नों की डिटेल दी है जिसमें दिलीप खेडकर की जमीन, कारों और कंपनियों के बारे में जानकारी है। वकील तानाजी गंभीर ने कथित तौर पर महीनों पहले भी दिलीप खेडकर के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। पूजा खेडकर विवाद सामने आने के बाद उन्होंने फिर से उनसे संपर्क किया था। एसीबी ने दिलीप खेडकर से 11, 12 और 13 जुलाई को पूछताछ की थी। उसके तुरंत बाद दिलीप खेडकर और उनकी सरपंच पत्नी मनोरमा खेडकर संपर्क से बाहर हो गए हैं। मनोरमा खेडकर को एक वीडियो को लेकर मामले में आरोपी बनाया गया है, जिसमें मनोरमा खेडकर पिस्तौल के साथ कुछ लोगों, किसानों को धमकाती नजर आ रही हैं। पुलिस अब उनकी तलाश कर रही है.
जांच के दायरे में कैसे आई ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की पारिवारिक संपत्ति
ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के खिलाफ जांच के बीच परिवार की संपत्ति उनकी ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर में आरक्षण मामलों के कारण सुर्खियों में आ गई है। जिसके बाद आईएएस अधिकारी के रूप में पूजा खेडकर के चयन पर कई सवाल खड़े हो हैं। पुणे एसीबी के सीनियर ऑफिसर अतुल तांबे के अनुसार दिलीप खेडकर के खिलाफ कुछ महीने पहले एसीबी में शिकायत हुई थी। टीम ने जांच और शिकायत की एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है और आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट मुख्यालय भेज दिया गया है।
कलेक्टर सुहास दिवसे की शिकायत के बाद फंसी पूजा खेडकर, एक-एक कर खुलने लगे राज
सबसे पहले पूजा खेडकर तब सुर्खियों में आई जब पुणे के जिला कलेक्टर सुहास दिवसे ने महाराष्ट्र की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक को लेटर लिखकर प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी की शिकायत की। ट्रेनी रहते हुए पूजा खेडकर के वीआईपी मांगों के बारे में जानकारी दी थी, जो उन्हें नियम अनुसार नहीं दी जा सकती थी। इसके बाद पूजा खेडकर मामले में एक के बाद एक नये खुलासों का सिलसिला शुरू हो गया। यह भी पता चला कि पूजा खेडकर ने दिव्यांगता कैटेगरी (pooja khedkar disability certificate) और ओबीसी उम्मीदवार के रूप में आरक्षण का दावा किया था। यूपीएससी को सर्टिफिकेट जमा किये थे जिसके बाद कोटे के तहत उन्हें आईएएस अधिकारी के रूप में चुना गया था। पूजा के विकलांगता के दावे को वेरिफाई करने के लिए 6 बार मेडिकल टेस्ट की डेट दी गई लेकिन वह टेस्ट कराने नहीं पहुंची। और एक प्राइवेट हॉस्पिटल की रिपोर्ट जमा कर दी। यह रिपोर्ट भी जांच के दायरे में है।
नॉन क्रीमी लेयर ओबीसी आरक्षण की मांग पड़ी भारी
पूजा खेडकर (pooja khedkar caste) ने नॉन-क्रीमी लेयर से ओबीसी उम्मीदवार के रूप में आरक्षण लाभ की मांग भी की थी जबकि एक उम्मीदवार को नॉन क्रीमी लेयर ओबीसी आरक्षण तभी मिलता है, जब उसकी एनुअल फैमिली इनकम 8 लाख से कम हो। जबकि लोकसभा चुनाव लड़ने से पहले दायर किए गए पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर के हलफनामे से पता चलता है कि उनके पास 40 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
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