सार

IAS पूजा खेडकर का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। उनके डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट के लिए दिये गये एड्रेस को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है जो कई सवाल खड़ा करता है।

Pooja Khedkars disability certificate address: ट्रेनी आईएएस ऑफिसर पूजा खेडकर (Trainee IAS Pooja Khedkar) से जुड़े विवाद में खुलासे में अब एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। पुणे के एक अस्पताल द्वारा जारी किए गए उनकी डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट (Pooja Khedkars disability certificate) के एड्रेस को लेकर बड़ी बात सामने आई है। बता दें कि यह उन कई विकलांगता प्रमाणपत्रों में से एक है जो यूपीएससी में उनके सेलेक्शन के संदेह के घेरे में आने के बाद पिछले कुछ हफ्तों में सामने आए हैं। उन्होंने 2018 और 2021 में अहमदनगर जिला सिविल अस्पताल द्वारा जारी किए गए दो प्रमाण पत्र यूपीएससी को जमा किए थे। उन्होंने 2022 में तीसरी बार फिर से पुणे के औंध सरकारी अस्पताल से डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट के लिए भी आवेदन किया था, लेकिन मेडिकल टेस्ट के बाद आवेदन खारिज कर दिया गया था।

पूजा खेडकर की डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट में एक फैक्ट्री का एड्रेस

पुणे के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल द्वारा जारी डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट 24 अगस्त, 2022 का है। इसमें पुणे जिले में पूजा खेडकर का पता (Pooja Khedkars disability certificate address)  "प्लॉट नंबर 53, देहु आलंदी रोड, तलावड़े, पिंपरी चिंचवड़" बताया गया है। जबकि इस जगह पर कोई घर नहीं बल्कि थर्मोवर्टा इंजीनियरिंग कंपनी नाम की एक फैक्ट्री है।

जब्त ऑडी कार का रजिस्ट्रेशन भी थर्मोवर्टा इंजीनियरिंग कंपनी के नाम पर

इससे जुड़ी एक और बड़ी बता यह भी है कि पूजा खेडकर की ऑडी कार, जिस पर उन्होंने नियम के विरुद्ध जाकर लाल-नीली बत्ती का इस्तेमाल किया, सरकारी नेमप्लेट लगाये और विवाद के बाद गाड़ी जब्त कर ली गई। वह गाड़ी भी थर्मोवर्टा इंजीनियरिंग कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है।

डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट बनाने के लिए आधार कार्ड नहीं राशन कार्ड दिये

एक ओर जहां सरकार ने डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट बनाने के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया है, वहीं पूजा खेडकर के सर्टिफिकेट में उल्लेख है कि उन्होंने डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट बनाने के लिए डॉक्यूमेंट के तौपर पर राशन कार्ड दिया।

डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट के अनुसार पूजा खेडकर की विकलांगता 7%

सर्टिफिकेट के अनुसार पूजा खेडकर में लोकोमोटर डिसेबिलिटी है। उसके बाएं घुटने में 7 प्रतिशत दिव्यांगता। जो उनके यूपीएससी सेलेक्शन पर बड़े सवाल खड़ा करता है।

पूजा खेडकर के यूपीएससी सेलेक्शन पर सवाल

पूजा खेडकर का डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट इस बात पर सवाल उठाता है कि वह यूपीएससी सेलेक्शन में दिव्यांगता कैटेगरी के तहत छूट पाने में कैसे कामयाब रहीं। यूपीएससी के नियम अनुसार बेंचमार्क विकलांगता वाले व्यक्ति को 40 प्रतिशत से कम दिव्यांगता पर छूट नहीं मिलती। जबकि खेडकर के सर्टिफिकेट में उनकी विकलांगता की सीमा 7 प्रतिशत बताई गई है, जो यूपीएससी सीमा से बहुत नीचे है।

पूजा खेडकर के डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट के जांच के आदेश

पुणे के डिसेबिलिटी पर्सन के आयुक्त कार्यालय ने अब पुलिस से खेडकर द्वारा सबमिट किये गये सर्टिफिकेट की प्रामाणिकता की जांच करने के लिए कहा है। केंद्र ने भी उनकी उम्मीदवारी की पुष्टि के लिए जांच शुरू कर दी है।

विवादों में कैसे फंसी पूजा खेडकर, कैसे खुला डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट का राज

पूजा खेडकर तब सुर्खियों में आई जब पिछले महीने पुणे के कलेक्टर डॉ. सुहास दिवासे ने महाराष्ट्र की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक को पत्र लिखकर 2023 बैच के ट्रेनी आईएएस ऑफिसर की नियम विरुद्ध वीआईपी मांगों के बारे में शिकायत की। उन्होंने यह भी बताया कि खेडकर ने अपने लिए एक अलग केबिन, एक कार, आवासीय क्वार्टर और स्टाफ की मांग की। जबकि प्रोबेशन पीरियड के दौरान ट्रेनी आईएएस को ये सुविधाएं नहीं दी जाती हैं। इसके अलावा खेडकर ने ट्रेनिंग के दौरान एक और कारनामा किया। कलेक्टर कार्यालय में एक सीनियर ऑफिसर जब छुट्टी पर थे तब उनका नेमप्लेट हटाकर उनके केबिन पर कब्जा कर लिया। मामले की लिखित शिकायत के बाद पूजा खेडकर का ट्रांसफर पुणे से वाशिम कर दिया गया। खेडकर की अनुचित मांगे उनके लिए जी का जंजाल साबित हुआ और जिसके बाद उनके सेलेक्शन पर सवाल खड़े हुए। जांच के दौरान एक के बाद एक नये खुलासे सामने आ रहे हैं, जिसमें उनकी दिव्यांगता के दावे वाला फर्जी सर्टिफिकेट भी सामने आया। 16 जुनाई को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के अधिकारियों ने पूजा खेडकर की ट्रेनिंग रद्द कर दी और उन्हें वापस बुला लिया।

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