Raksha Bandhan 2025 Special Story: रक्षाबंधन 2025 के मौके पर पढ़िए एक ऐसी दिल छू लेने वाली कहानी, जहां योगेश, माधवी, क्षमा और लोकेश, चार भाई-बहनों ने मिलकर UPSC की तैयारी की और सभी IAS-IPS अफसर बन गए। जानिए इनकी मेहनत और जज्बे की शानदार जर्नी।

Raksha Bandhan 2025 Special UPSC Success Story: रक्षाबंधन सिर्फ राखी बांधने और मिठाई खाने का त्योहार नहीं होता, बल्कि यह दिन भाई-बहन के उस बंधन को सेलिब्रेट करता है, जिसमें भरोसा, साथ और समर्पण छुपा होता है। इस खास मौके पर हम आपको एक ऐसे परिवार की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने इस रिश्ते की ताकत को हकीकत में जीकर दिखाया और साथ ही देश को दिए चार IAS-IPS ऑफिसर। ये कहानी है उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में रहने वाले मिश्रा परिवार की, जहां चार भाई-बहनों ने मिलकर UPSC पास किया और देश के प्रशासनिक ढांचे का हिस्सा बने। जिनके नाम हैं- योगेश, माधवी, क्षमा और लोकेश। रक्षा बंधन के खास अवसर पर जानिए इन चारों भाई-बहनों की यूपीएससी सक्सेस स्टोरी।

सरकारी स्कूल में पढ़े, दो कमरे के घर से UPSC सिविल सर्विसेज तक का सफर तय किया

मिश्रा परिवार का जीवन किसी बड़े शहर की चमक-धमक से कोसों दूर था। घर छोटा था, महज दो कमरे, लेकिन सोच बड़ी थी। पिता अनिल मिश्रा, जो ग्रामीण बैंक में मैनेजर थे, हमेशा चाहते थे कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर बड़ा नाम करें। उन्होंने कभी संसाधनों की कमी को बहाना नहीं बनने दिया। चारों भाई-बहन सरकारी स्कूल में पढ़े लेकिन ये सभी शुरुआत से ही पढ़ाई में अव्वल रहे। जानिए दो कमरों के घर से इन भाई बहनों ने सिविल सर्विसेज तक का सफर कैसे तय किया।

जब भाई ने बहनों के लिए UPSC परीक्षा दी

कहानी की सबसे दिल छू लेने वाली बात ये है कि बड़े भाई योगेश, जो इंजीनियरिंग करने के बाद एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम कर रहे थे, उन्होंने UPSC की तैयारी इसलिए शुरू की क्योंकि उनकी बहनों को बार-बार असफलता मिल रही थी। योगेश ने बहनों की परेशानी को खुद की चुनौती बना लिया। रक्षाबंधन पर उन्होंने बहनों से वादा किया कि वो खुद परीक्षा देंगे और रास्ता दिखाएंगे।

UPSC सफलता: एक-एक कर चारों भाई-बहन बने अफसर

योगेश मिश्रा ने सबसे पहले UPSC CSE 2013 में रिजर्व लिस्ट से सफलता पाई। आज वह एक IAS हैं। अगले साल, बहन माधवी ने 2014 में 62वीं रैंक लाकर घर में दूसरी कामयाबी जोड़ी। लोकेश, जो IIT दिल्ली से इंजीनियर कर चुके थे, ने 2015 में 44वीं रैंक से UPSC पास किया। फिर आईं क्षमा, जिन्होंने 2015 में डिप्टी SP बनकर शुरुआत की, लेकिन संतुष्ट नहीं हुईं। 2016 में फिर से परीक्षा देकर IPS अधिकारी बनीं। चारों ने अलग-अलग समय पर सफलता पाई, लेकिन इस जर्नी में एक-दूसरे की मदद कभी नहीं छोड़ी।

घर का माहौल बना UPSC कोचिंग सेंटर जैसा

योगेश ने UPSC की तैयारी खुद की, पुराने नोट्स पढ़े, पैटर्न को समझा और फिर अपने बनाए हुए शॉर्टकट्स, नोट्स और ट्रिक्स बहनों को भी सिखाए। घर की दो कोठरियों में पढ़ाई करना आसान नहीं था, लेकिन चारों ने एक-दूसरे को डिस्टर्ब करने की बजाय सपोर्ट किया। बहनों ने माना कि योगेश ने न सिर्फ उन्हें गाइड किया, बल्कि उनमें आत्मविश्वास भी भरा। यही वजह है कि हर अगली सफलता पहले से बेहतर रही।

ये भी पढ़ें- जिंदगी बदलने वाली ये 10 मोटिवेशनल किताबें क्या आपने पढ़ी हैं?

रक्षाबंधन 2025 पर सलाम है ऐसे रिश्तों को

जहां आज के दौर में लोग कॉम्पिटिशन में एक-दूसरे को पीछे छोड़ने में लगे हैं, मिश्रा परिवार ने दिखा दिया कि साथ मिलकर चलो, तो मंजिलें भी छोटी लगती हैं। यह रक्षाबंधन हमें सिखाता है कि अगर भाई-बहन का साथ हो, तो नामुमकिन कुछ नहीं।

ये भी पढ़ें- Raksha Bandhan GK Quiz 2025: क्या आप दे सकते हैं इन सवालों के सही जवाब