सार

चितरकूट की काजल ने पहले ही प्रयास में UPSC परीक्षा पास कर IPS बनने का सपना पूरा किया। टीना डाबी से प्रेरित होकर, सब-इंस्पेक्टर पिता के मार्गदर्शन में काजल ने कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से सफलता हासिल की।

UPSC Success Story: उत्तर प्रदेश के चितरकूट जिले के छोटे से गांव रानीपुर की काजल का सपना था अपने पिता की तरह पुलिस में जाना, उनकी ऊंचाइयों तक पहुंचना। लेकिन जब उन्होंने 2015 में टीना डाबी का नाम सुना, जिन्होंने UPSC में टॉप किया था, तब काजल को पहली बार यह एहसास हुआ कि असल में उनके सपने इससे भी बड़े हैं। टीना डाबी की सफलता ने काजल को सिविल सर्विसेज में जाने की प्रेरणा दी, और तब से उन्होंने IPS अधिकारी बनने का दृढ़ संकल्प ले लिया।

पिता से मिली मेहनत और ईमानदारी की सीख

काजल के पिता एक सब-इंस्पेक्टर हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और ईमानदारी से काजल को हमेशा प्रोत्साहित किया। परिवार में भले ही साधन सीमित थे, लेकिन काजल ने कभी अपने सपनों को सीमित नहीं होने दिया। पिता की नौकरी की व्यस्तता के बावजूद उन्होंने काजल को शिक्षा की प्राथमिकता समझाई।

शिक्षा में कमाल: छोटी उम्र से ही दिखाया हुनर

काजल की पढ़ाई-लिखाई में हमेशा से खास रुचि थी। सेंट माइकल स्कूल से उन्होंने 10वीं कक्षा में 95% और 12वीं में 91% अंक प्राप्त किए। इसके बाद उन्होंने इतिहास, राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र जैसे विषयों में स्नातक की डिग्री हासिल की और IGNOU से मास्टर्स भी किया। हर परीक्षा में बेहतरीन अंक हासिल कर उन्होंने दिखा दिया कि उनके अंदर ज्ञान और कड़ी मेहनत की शक्ति है।

UPSC के लिए त्याग और संकल्प

UPSC परीक्षा की तैयारी में काजल ने सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बना ली और रोजाना 8-10 घंटे पढ़ाई में खुद को समर्पित कर दिया। सामाजिक जीवन को भी उन्होंने पूरी तरह छोड़कर अपने लक्ष्य को ही प्राथमिकता दी। उनकी मेहनत का नतीजा यह हुआ कि पहले ही प्रयास में उन्होंने UPSC परीक्षा पास कर ली और IPS का पद हासिल किया।

संघर्ष से मिली सफलता: एक प्रेरणादायक कहानी

काजल की यह कहानी उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा है, जो जीवन में बड़ा मुकाम हासिल करना चाहते हैं। उन्होंने यह साबित कर दिया कि यदि सच्चा हौसला हो, तो हालात चाहे जैसे भी हों, मंजिल को पाया जा सकता है। काजल का जीवन हमें बताता है कि किसी भी बड़े लक्ष्य को पाने के लिए सिर्फ मेहनत, ईमानदारी और दृढ़ संकल्प चाहिए। काजल की सफलता आज हर उस युवती के लिए एक उम्मीद की किरण है जो कठिनाईयों का सामना करते हुए अपने सपनों को साकार करना चाहती है।

ये भी पढ़ें

पिता की हुई मौत तो चूड़ी बेचने लगे, मुश्किलों को हरा कर IAS अफसर बने रमेश घोलप

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2024: जानें तारीख, इतिहास? मौलाना आजाद का योगदान